देश की राजधानी के निजामुद्दीन इलाके में स्थित तबलीगी जमात का मरकज कोरोना का हॉटस्पॉट के रूप में सामने आया है। यहां एक जलसे में शामिल हुए करीब 2000 लोगों को कोरोना संक्रमित होने का अंदेशा है। इनमें से 24 पाॉजिटिव पाए गए हैं, जबकि वापस लौटे 6 की मौत हो चुकी है
देश की राजधानी दिल्ली केंद्र में स्थित निजामुद्दीन इलाके में हुए धार्मिक जलसे में शामिल होने वाले 24 लोगों में कोविड-19 के इंफेक्शन की पुष्टि होने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। करीब 350 लोगों में इसके लक्षण मिले हैं और उन्हें अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। वहीं इस जलसे में शामिल होने के बाद तेलंगाना लौटे कुछ लोगों में से 6 की मौत हो गयी है। निजामुद्दीन इलाके से इन लोगों को बसों में बिठाकर अस्पातल भेजे जाने का सिलसिला रात भर जारी रहा।
देश की राजधानी में कोरोना वायरस का एक खतरनाक हॉटस्पॉट सामने आया है। दिल्ली में धारा 144 लागू होने के बावजूद निजामुद्दीन इलाके में एक धार्मिक जलसा हुआ, जिसमें करीब 2000 लोगों ने हिस्सा लिया। लेकिन इस जलसे में शामिल होने वाले 2 लोगों की मौत के बाद हड़कंप मच गया और फिर इन्हें अस्पतालों में भेजने का सिलसिला शुरु हुआ।
सूत्रों का कहना है कि अब तक 24 लोगों के टेस्ट पॉजिटिव आए हैं जबकि 350 से ज्यादा लोगों में कोरोना वायरस की लक्षण मिले हैं। इसके बाद दिल्ली पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के लोगों ने इन्हें राजधानी के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
इसी बीच हैदराबाद से तेलंगाना के मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस बात की पुष्टि की है कि इस जलसे में शामिल होकर वापस लौटे लोगों में से 6 लोगों की मौत हो चुकी है और बाकी लोगों की तलाश की जा रही है।
इस दौरान दिल्ली सरकार ने इसे आपराधिक मामला मानते हुए निजामुद्दीन मरकज के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल निजामुद्दीन मरकज में एक से 15 मार्च के बीच एक धार्मिक जलसा हुआ था, जिसमें सऊदी अरब, दुबई, उजबेकिस्तान, इंडोनेशिया और मलयेशिया के अलावा देश के कई राज्यों से लोग आए थे। इनमें 600 भारतीयों सहित करीब 2000 लोग थे। लॉकडाउन से पहले बड़ी संख्या में लोग चले गए थे, लेकिन सोमवार को मरकज में 24 लोगों के पॉजिटिव आने से हड़कंप मच गया।
शाम तक 350 लोगों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया। कुछ राज्यों में यहां से वापस गए लोग भी पॉजिटिव मिले हैं। तेलंगाना, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर, पुडुचेरी लौटे लोगों में से कुछ संक्रमित मिले हैं। रविवार को छह यमन नागरिकों में संक्रमण की पुष्टि के बाद लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराना शुरू किया।
दिल्ली के अलावा यूपी, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु व तेलंगाना सरकार आयोजन में शामिल लोगों की तलाश कर रही है। गुंटूर विधायक मुस्तफा शेख के भाई भी तब्लीगी जमात में आए थे, जो संक्रमित मिले हैं। इसके बाद शेख परिवार के 14 सदस्य क्वारंटीन हैं। जलसे से लौटे 60 वर्षीय व्यक्ति की बीते हफ्ते कश्मीर में मौत के बाद खतरे की घंटी बज गई थी।
निजामुद्दीन स्थित मरकज संचालकों को पुलिस ने नोटिस देकर जवाब-तलब किया है। आयोजकों ने पुलिस को बताया, जलसा पहले से चल रहा था। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के कारण लोग मरकज में रुक गए। फिर लॉकडाउन के चलते लोग यहीं रुके रहे। पुलिस ने गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेज दी। बताया जा रहा है कि निजामुद्दीन थाने के कई पुलिसकर्मी भी कोरोना संदिग्ध के दायरे में हैं।