माओवादियों से संबंध होने के आरोप में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की नजर दो महिलाओं पर है। मंगलवार सुबह ही एनआईए अधिकारियों ने पश्चिम बंगाल पुलिस की विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) के साथ मिलकर उत्तर 24 परगना के पानिहाटी और आसनसोल में छापेमारी शुरू की। एनआईए सूत्रों के अनुसार, जिन दो महिलाओं पर माओवादी संगठनों से जुड़े होने का आरोप है, उनके नाम सुदीप्ता पाल और शिप्रा चक्रवर्ती हैं। जांच एजेंसी इस आरोप की सत्यता की जांच कर रही है।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, सुदीप्ता और शिप्रा पहले आसनसोल में किराए के मकान में रहती थीं। पांच साल पहले शिप्रा आसनसोल से पानिहाटी चली गईं, जो उत्तर 24 परगना जिले के पल्लिश्री क्षेत्र में स्थित है। मंगलवार को एनआईए और एसटीएफ ने वहां भी छापेमारी की। खबर लिखे जाने तक छापेमारी की कार्रवाई जारी थी।
आसनसोल के डिसेरगढ़ क्षेत्र में भी तलाशी अभियान चल रहा है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, सुदीप्ता और शिप्रा सामाजिक कार्यों से जुड़ी थीं और कोयला खदान श्रमिकों के अधिकारों के लिए संघर्ष करती थीं। वे ‘अधिकार’ नामक संगठन से जुड़ी थीं और बाद में ‘मजदूर अधिकार’ नामक संगठन शुरू किया। इसके तहत वे कोयला खदान श्रमिकों के अधिकारों के लिए आंदोलन करती थीं। इसके अलावा, मानवाधिकार संबंधी कई मुद्दों पर भी उन्होंने आवाज उठाई थी।
आरोप है कि सुदीप्ता और शिप्रा छत्तीसगढ़ के माओवादियों से संपर्क में थीं। एनआईए इस बात की भी जांच कर रही है कि इस नेटवर्क में उनके अलावा और कौन-कौन शामिल हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि आसनसोल में कई जगहों पर सुदीप्ता और शिप्रा ने किराए के मकानों में निवास किया था। हालांकि, शिप्रा के पानिहाटी चले जाने के बाद, सुदीप्ता डिसेरगढ़ क्षेत्र के एक किराए के मकान में रह रही थीं।
मंगलवार सुबह एनआईए अधिकारियों ने पानिहाटी नगर निगम के वार्ड नंबर 31 के पल्लिश्री इलाके में शिप्रा के घर पर छापा मारा। काफी देर तक दरवाजा खटखटाने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिला, जिसके बाद एनआईए अधिकारी दीवार कूद कर अंदर गए और पूछताछ शुरू की।
जांच एजेंसी अब इस बात की तहकीकात कर रही है कि इन महिलाओं का माओवादियों से किस तरह का संपर्क है और इस नेटवर्क में और कौन लोग शामिल हैं।