गोल्ड लोन को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से प्रस्तावित नए दिशानिर्देश 1 जनवरी 2026 से लागू होंगे। वित्त मंत्रालय ने ऐसा करने की सिफारिश की है क्योंकि उसका मानना है कि ऐसे दिशानिर्देशों को जमीनी स्तर पर प्रभावी होने में समय लगता है। वित्त मंत्रालय ने छोटे गोल्ड लोन को इन नियमों के दायरे बाहर रखने की भी सिफारिश की है।
गोल्ड लोन के दुरुपयोग पर लगाम लगाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से प्रस्तावित नए नियम 1 जनवरी 2026 से लागू हो जाएंगे। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने इस बारे में आरबीआई को अपनी सिफारिशें भेज दी हैं। अपनी सिफारिशों में इसने इस बात का ध्यान रखने के लिए कहा है कि छोटे गोल्ड लोन लेने वालों के लिए किसी तरह की परेशानी न खड़ी हो।
मंत्रालय ने 2 लाख रुपये से कम के गोल्ड लोन को प्रस्तावित दिशानिर्देशों से बाहर रखने की भी सिफारिश की है, ताकि ऐसे लोगों को कम समय में लोन की रकम मिल सके। वित्त मंत्रालय ने कहा, उम्मीद है कि आरबीआई सभी स्टेकहोल्डर्स और जनता की प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए अंतिम दिशानिर्देश जारी करेगा।
क्या कहता है आरबीआई का गोल्ड लोन ड्राफ्ट
आरबीआई ने अप्रैल में गोल्ड लोन से संबंधित ड्राफ्ट जारी किया था और 12 मई तक इस पर हितधारकों से सुझाव मांगे थे। प्रस्तावित दिशानिर्देशों में कहा गया था कि गोल्ड लोन पर लोन-टू-वैल्यू (LTV) अनुपात 75% से अधिक नहीं होना चाहिए। अर्थात गिरवी रखे जाने वाले सोने की जो कीमत होगी, लोन की राशि उसके 75% से अधिक न हो।
लोन-टू-वैल्यू की यह सीमा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) की ओर से दिए जाने वाले सभी गोल्ड लोन पर लागू होगी, चाहे लोन का उद्देश्य कुछ भी हो। बुलेट रिपेमेंट लोन (एकमुश्त लौटाने) के मामले में, LTV अनुपात की गणना लोन की परिपक्वता पर देय कुल राशि के आधार पर की जाएगी।
प्रति ग्राहक गोल्ड लोन की सीमा
आरबीआई की ओर से जारी ड्राफ्ट में कहा गया था कि एक ग्राहक अब अधिकतम एक किलोग्राम ज्वैलरी के बदले ही लोन ले सकेगा। सोना और चांदी दोनों के लिए यह नियम लागू होगा। सोने के सिक्के के बदले अगर लोन ले रहे हैं तो सिक्का कम से कम 22 कैरेट का और बैंक से खरीदा गया होना चाहिए। अन्य जगहों से खरीदे गए सोने के सिक्के पर गोल्ड लोन नहीं दिया जा सकेगा।
सात दिन के अंदर वापस करना होगा सोना
ड्राफ्ट के मुताबिक, एक ग्राहक अधिकतम 50 ग्राम सोने के सिक्के के बदले ही लोन ले सकेगा। चांदी के मामले में प्रति ग्राहक 500 ग्राम की सीमा तय की गई है। लोन का पूरा भुगतान करने के अधिकतम सात दिनों के भीतर गिरवी रखे गए सोने को वापस करना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने पर वित्तीय संस्था ग्राहक को प्रतिदिन 5000 रुपए के हिसाब से जुर्माना देगी।