मोहतमिम बोले, यह कानून इंसाफ पर आधारित नहीं
फ़िरोज़ ख़ान देवबंद(Feroz Khan Deoband)। बढ़ती आबादी को विकास में बाधक बताते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा जारी की गई नई जनसंख्या नीति २०२१-२०२३ को इस्लामी शिक्षा के प्रमुख केंद्र दारुल उलूम देवबंद ने इंसानी हुकूक के खिलाफ बताया है।
दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने अपनी राय का इजहार करते हुए कहा कि पापुलेशन कंट्रोल एक्ट जिस अंदाज में यहां लागू करने की कोशिश की जा रही है हम यह समझते हैं कि यह ह्यूमन राइट के खिलाफ है। कहा कि दो से ज्यादा बच्चे पैदा हो गए, और उनको सुविधाओं से वंचित कर दिया जाए तो उन बच्चों की क्या खता है। हम यह मानते हैं कि यह कानून इंसाफ पर आधारित नहीं है, गलत है। इंसाफ पर आधारित कानून होना चाहिए। गौरतलब होगा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति २०२१-२०३ जारी की है। विधेयक के प्रारूप के अनुसार दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन से लेकर स्थानीय निकाय चुनाव लडऩे तक पर रोक लगाने का प्रस्ताव है। इतना ही नहीं विधेयक में दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी योजनाओं का भी लाभ न दिए जाने का जिक्र है।