गोरखपुर । जहां काम करने का स्कोप होता है वहां लोग आते हैं। जहां इंसान को रोटी और रोजगार मिलता है । हर कोई अपने लेवल पर कोशिश करें तो हम पूर्वी उत्तर प्रदेश के इंडिकेटर बन सकते है और इसे हम केरला से बेहतर बना सकते हैं लेकिन इसके लिए सबका सहयोग चाहिए। यह बातें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर की डायरेक्टर सुरेखा किशोर ने कही। वह एम्स की उपलब्धियों के साथ स्वास्थ्य एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश पर एक चर्चा के माध्यम से पत्रकारों से रूबरू थी।
परिचर्चा के दौरान उन्होंने एम्स में ओपीडी और शैक्षणिक माहौल पर चर्चा करने के साथ ही उन्होंने बताया कि एम्स गोरखपुर में 107 मेडिकल छात्रों का नया बैच शुरू हो गया है। इस दौरान उन्होंने आमजन के स्वास्थ्य पर भी विस्तार से चर्चा किया।
उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी बातें लेकर अगर हम रूटीन में लोगों के बीच जागरूकता पैदा करें तो काफी हद तक हम बीमारी से बच सकते हैं । इसके लिए बेहतर इलाज की सर्विस देने के साथ ही हम जागरूकता अभियान को भी जारी रखेंगे।
आप सब लोगों को मालूम होगा कि हमारे मुख्यमंत्री जी का विचार है और संकल्पना है कि हमारे उत्तर प्रदेश के जितने भी लोग हैं और स्वस्थ रहें ।
जल जनित बीमारियों के संबंध में एम्स गोरखपुर की डायरेक्टर ने बताया कि डेंगू मलेरिया फाइलेरिया का क्लिनिकल मैनेजमेंट हमारे हॉस्पिटल में होगा साथ ही जनता में जागरूकता पैदा करने का काम भी हम करेंगे।
एम्स गोरखपुर में 107 मेडिकल छात्रों का नया बैच शुरू
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