नेपाल और भारत के बीच दो अंतरराष्ट्रीय ट्रांसमिशन लाइन पर सैद्धांतिक सहमति हो गई है। नई दिल्ली का तीन दिवसीय दौरा पूरा कर लौटे ऊर्जा मंत्री दीपक खड़का ने आज यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच नेपाल के इनरुवा और भारत के पूर्णिया को जोड़ने वाली 400 केवी ट्रांसमिशन लाइन और इतनी ही क्षमता की लम्की-बरेली ट्रांसमिशन लाइन के निवेश के प्रारूप पर सैद्धांतिक सहमति हो गई है। इनरुवा-पूर्णिया ट्रांसमिशन लाइन को 2027-2028 तक पूरा करने का लक्ष्य है। लमकी (दोधारा)-बरेली 400 केवी ट्रांसमिशन लाइन को 2028-2029 तक पूरा करने पर भी सहमति बनी है।
नेपाल इन दोनों ट्रांसमिशन लाइनों को न्यू बुटवल-गोरखपुर ट्रांसमिशन लाइन के भारतीय खंड की तर्ज पर बनाने का प्रस्ताव कर रहा था। उन्होंने कहा नई दिल्ली में उनकी भारत के मंत्री मनोहर लाल के साथ द्विपक्षीय बैठक हुई। खड़का ने बताया कि इस पर नेपाल विद्युत प्राधिकरण और पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया मिलकर काम करेंगे।
खड़का के मुताबिक नेपाल अपने हिस्से का निर्माण कार्य अमेरिका की एमसीसी परियोजना के अनुदान से करेगा। यह जानकारी भारत को दे दी गई है। नेपाल की सीमा से भारत के गोरखपुर तक निर्माण के लिए दोनों देशों की सरकारी कंपनी को मिला कर एक ज्वाइंट वेंचर कंपनी बनाने पर भी सहमति हो गई है। इसमें दोनों देशों की बराबर की हिस्सेदारी होगी। जल्द ही दोनों देशों के ऊर्जा सचिव लिखित समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे।