नेपाल में भीषण बाढ़ और भूस्खलन से जानमाल की क्षति का आंकड़ा दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। पिछले तीन दिनों में इस आपदा से जान गंवाने वालों की संख्या 225 तक पहुंच गई है। जैसे-जैसे बाढ़ प्रभावित जिलों में संपर्क स्थापित किया जा रहा है, लापता और मृतकों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। गृह मंत्रालय के मुताबिक सैकड़ों अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।
इसी बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के अमेरिका से वापस होते ही कैबिनेट की बैठक में बाढ़ और भूस्खलन के कारण हुए नुकसान की स्थिति का जायजा लिया गया। सोमवार देर शाम हुई कैबिनेट बैठक में देश में तीन दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है। सरकार के प्रवक्ता पृथ्वी सुब्बा गुरूंग ने बताया कि मंगलवार से तीन दिनों के लिए राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि राष्ट्रीय शोक के बावजूद सार्वजनिक अवकाश नहीं दिया जाएगा।
कैबिनेट की बैठक में मृतक परिवारों को आर्थिक सहायता देने का निर्णय भी किया गया है। सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि प्रति मृतक परिवार को संघीय सरकार के तरफ से 2 -2 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की गई है। घायल हुए लोगों के उपचार का पूरा खर्च सरकार की तरफ से किए जाने की घोषणा भी की गई है।
नेपाल सरकार ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा कोष में सहायता करने की अपील की है। कैबिनेट की बैठक में इस कोष में 1000 करोड़ रुपए देने का निर्णय किया गया है। सरकार ने देश-विदेश के दानदाताओं से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा कोष में सहयोग करने की अपील की है। इस कोष में नेपाल सरकार के सभी मंत्रियों के एक महीने का वेतन देने का भी निर्णय किया गया है।