तराई के सरकारी स्कूलों में न नियम का पालन न पाबंदी, हाशिये पर शिक्षा व्यवस्था

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अवधनामा संवाददाता

टिकैतनगर बाराबंकी। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी दावे कर रहे और बीईओ कागजों में निरीक्षण भी कर रहे हैं लेकिन हकीकत इससे इतर है। आलम यह है कि जिम्मेदार लोग इस पर ध्यान देने के बजाए चैंबर में बैठकर समय काट रहे हैं। जिससे पूरेडलई ब्लाक के घाघरा नदी उस पार के विद्यालयों की स्थित बदहाल होती जा रही है। यहां शिक्षक मनमानी तरीके से विद्यालय का संचालन कर रहे हैं। उनके आने-जाने का कोई निश्चित समय नहीं है। कोई आधा तो कोई एक घंटा देर से पहुंच रहा है। कुछ शिक्षकों को अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। जिससे वह कभी-कभार आते हैं। और अपनी जगह पर निजी कर्मियों से पढ़ाई करवाते हैं।
पूरेडलई ब्लाक के घाघरा नदी उस पार रायपुर, परसावल, बासगांव, आसवा, ढेमा मजरे टिकरी शिक्षको का आने-जाने का कोई निश्चित समय नहीं है। ढेमा मजरे टिकरी के उच्च प्राथमिक विद्यालय में अभी तक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो सकी है। प्राथमिक विद्यालय का भवन इस बार आई बाढ़ में बह गया था। जिससे विद्यालय का संचालन गांव के प्राथमिक विद्यालय में होता है। लेकिन यहां पर तैनात शिक्षक कभी विद्यालय नहीं जाते हैं। बुधवार को भी दोपहर तक यहां पर कोई भी शिक्षक विद्यालय नहीं पहुंचा। विद्यालय परिसर में ताला लगा रहा। जिससे नाराज ग्राम प्रधान राम अभिलाख सिंह ने उच्च अधिकारियों से शिकायत की। ग्राम प्रधान राम अभिलाख सिंह ने बताया कि विद्यालय में तैनात शिक्षक कभी भी बच्चो को पढ़ाने नहीं आते हैं। अपने निजी आदमी रखकर खानापूर्ति कर रहे हैं। बीईओ पूरेडलई जैनेंद्र सिंह का कहना है कि नदी उस पार ढेमा मजरे टिकरी में शिक्षक आशुतोष वर्मा , प्रदीप कुमार की नियुक्ति है। ग्राम प्रधान की शिकायत के बाद फोन से संपर्क किया गया तो दोनों लोगों की उपस्थिति गांव में थी। उच्च प्राथमिक विद्यालय में कक्षाएं अभी नहीं संचालित हो रही हैं जिसके कारण यहां पर प्राथमिक विद्यालय संचालन के निर्देश दिए गए हैं।

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