राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर दलित ओबीसी और अल्पसंख्यक छात्रों के लिए छात्रवृत्ति में देरी और छात्रावासों की दुर्दशा का मुद्दा उठाया। उन्होंने बिहार के छात्रावासों की दयनीय स्थिति का हवाला देते हुए राज्य सरकारों के साथ मिलकर समाधान निकालने का अनुरोध किया। राहुल गांधी ने दरभंगा में आंबेडकर छात्रावास का दौरा किया था जहाँ उन्होंने छात्रों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुना।
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर वंचित समुदायों के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति में देरी की ओर ध्यान दिलाया।
छात्रों-युवा वर्ग के बीच काफी अर्से से संवाद का सिलसिला कायम रखने वाले लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बिहार चुनाव के मद्देनजर इन्हें साधने की पहल को एक कदम और आगे बढ़ाते हुए बिहार समेत देश के तमाम शैक्षणिक संस्थानों में एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों के हॉस्टल की दुर्दशा तथा पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप के लंबित रहने का मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उठाया है।
राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
पीएम मोदी को पत्र लिखकर इस मामले को उठाते हुए राहुल ने कहा है कि दलित, एसटी, ईबीसी, ओबीसी और अल्पसंख्यक छात्रों के लिए आवासीय छात्रावासों की स्थिति बहुत दयनीय है। जबकि वंचित वर्ग के छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में देरी को हल करने का आग्रह करते हुए कहा कि ये दोनों मुद्दे इन वर्गों के 90 प्रतिशत छात्रों के शिक्षा के अवसर में बाधा डालते हैं।
राहुल गांधी ने उठाया छात्रवासों की दयनीय हालात का मुद्दा
राष्ट्रीय स्तर की इस समस्या को उठाते हुए राहुल गांधी ने बिहार में छात्रावासों की दयनीय हालात तथा छात्रवृत्ति में विलंब का उदाहरण देते हुए पीएम से राज्यों सरकारों के साथ मिलकर इसका समाधान निकालने का भी अनुरोध किया है। राहुल गांधी ने हाल के बिहार दौरे के क्रम में दरभंगा जाकर वहां के आंबेडकर छात्रावास की दयनीय स्थिति को खुद देखा और वहां के छात्रों से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनी थी।
कांग्रेस नेता की यह यात्रा सियासी विवाद की सुर्खियां भी बनी क्योंकि बिहार सरकार के प्रशासन ने भारी पुलिस बल के साथ उन्हें आंबेडकर छात्रावास में जाने से रोका था, लेकिन राहुल गांधी ने पैदल ही छात्रों के बीच जाकर उनसे बातचीत की और छात्रावास तथा छात्रवृत्ति की समस्या को जोर-शोर से उठाने का वादा किया था।
राहुल ने अपने पत्र में क्या लिखा?
इसके अनुरूप ही राहुल गांधी ने मंगलवार को पीएम भेजे पत्र में कहा है कि दरभंगा में अंबेडकर छात्रावास के हाल के दौरे के दौरान छात्रों ने शिकायत की एक कमरे में छह-सात छात्र रहने को मजबूर हैं। छात्रावास के शौचालय गंदे हैं, पीने का शुद्ध पानी और मेस की सुविधा नहीं है। लाइब्रेरी और इंटरनेट भी उन्हें उपलब्ध नहीं है। पीएम के समक्ष हाशिए पर पड़े समुदायों के छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में देरी में भी बिहार का उदाहरण देते हुए नेता विपक्ष ने दावा किया कि छात्रवृत्ति पोर्टल तीन साल तक काम ही नहीं कर रहा था और 2021-22 में किसी भी छात्र को छात्रवृत्ति नहीं मिली।
छात्रवृत्ति पाने वाले दलित छात्रों की संख्या में कमी आने की चर्चा करते हुए कहा कि यह लगभग आधी रह गई जो वित्त वर्ष 2022-23 में 1.36 लाख से घटकर 2023-24 में केवल 69 हजार रह गई। इतना ही नहीं छात्रों की शिकायत है कि छात्रवृत्ति की राशि अपमानजनक रूप से कम है।
राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर जताया विश्वास
प्रधानमंत्री से इन विफलताओं को दूर करने के लिए तुरंत दो कदम उठाने का आग्रह करते हुए राहुल ने इसके लिए पर्याप्त धन आवंटित करने का आग्रह करते हुए कहा कि राज्य सरकारों के साथ मिलकर इनके क्रियान्वयन में सुधार जरूरी है। राहुल ने पीएम से कहा है कि उन्हें विश्वास है कि वे इससे सहमत होंगे कि जब तक हाशिए पर पड़े समुदायों के युवा आगे नहीं बढ़ेंगे तब तक भारत आगे नहीं बढ़ सकता।