Wednesday, December 17, 2025
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‘नेहरू ने जानबूझकर मां दुर्गा के श्लोक हटाये’, वंदे मातरम को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर साधा निशाना

राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम को लेकर देश में सियासी घमासान मचा हुआ है। बीजेपी ने कांग्रेस पर वंदे मातरम के बोलों में बदलाव कर सांप्रदायिक एजेंडा चलाने का आरोप लगाया है। बीजेपी प्रवक्ता ने नेहरू के पत्रों का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस ने देवी दुर्गा के संदर्भों को हटाया था। उन्होंने राहुल गांधी पर भी नेहरू जैसी मानसिकता रखने का आरोप लगाया।

राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम को लेकर देश में एक बार फिर सियासी पारा चढ़ते नजर आ रहा है। जहां एक ओर राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम की रचना के 150 साल पूरे होने के मौके पर पीएम मोदी ने एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी ने राष्ट्रीय गीत का अपमान करने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा है। भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता सीआर केसवन ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस पर राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के बोलों में बदलाव करके सांप्रदायिक एजेंडे को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि इस गीत से देवी दुर्गा के संदर्भों को कांग्रेस ने हटाया है।

बीजेपी ने कांग्रेस पर साधा निशाना

बीजेपी के प्रवक्ता सीआर केसवन ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में पूर्व पीएम नेहरू की आलोचना की और सितंबर और अक्टूबर 1937 में नेताजी सुभाष बोस को लिखे गए पत्र साझा किए।

उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि हमारी युवा पीढ़ी के लिए यह जानना जरूरी है कि कैसे नेहरू की अध्यक्षता में कांग्रेस पार्टी ने अपने सांप्रदायिक एजेंडे को बेशर्मी से आगे बढ़ाते हुए, 1937 के फैजपुर अधिवेशन में पार्टी के राष्ट्रगीत के रूप में केवल एक संक्षिप्त वंदे मातरम को अपनाया।

आगे लिखा कि गौरवशाली वंदे मातरम हमारे राष्ट्र की एकता और एकजुटता की आवाज बन गया, जिसने हमारी मातृभूमि का सम्मान किया, राष्ट्रवादी भावना का संचार किया और देशभक्ति को बढ़ावा दिया। अंग्रेजों ने इसे गाना एक आपराधिक कृत्य घोषित कर दिया था। यह किसी विशेष धर्म या भाषा से संबंधित नहीं था। लेकिन कांग्रेस ने इस गीत को धर्म से जोड़ने का ऐतिहासिक पाप और भूल की। नेहरू के नेतृत्व वाली कांग्रेस ने धार्मिक आधार पर जानबूझकर वंदे मातरम के उन छंदों को हटा दिया जिनमें देवी मां दुर्गा का गुणगान किया गया था।

नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक को घेरा

एक्स पोस्ट में साझा किए गए पत्र का हवाला देते हुए बीजेपी नेता ने लिखा कि 1 सितंबर 1937 को लिखे एक पत्र में नेहरू ने द्वेषपूर्ण ढंग से लिखा कि वंदे मातरम के शब्दों को देवी से संबंधित मानना बेतुका है। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में यह भी कहा कि वंदे मातरम राष्ट्रीय गीत के रूप में उपयुक्त नहीं है।

नेताजी सुभाष बोस ने वंदे मातरम के पूर्ण मूल संस्करण की पुरजोर वकालत की थी। 20 अक्टूबर 1937 को नेहरू ने नेताजी बोस को पत्र लिखकर दावा किया कि वंदे मातरम की पृष्ठभूमि मुसलमानों को नाराज कर सकती है। उन्होंने आगे कहा कि वंदे मातरम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में ठोस तथ्य दिखाई देते हैं और सांप्रदायिक प्रवृत्ति वाले लोग इससे प्रभावित हुए हैं।

उन्होंने आगे लिखा कि 1937 में अगर कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नेहरू ने वंदे मातरम को छोटा करके देवी मां दुर्गा का उल्लेख हटा दिया था, तो मार्च 2024 में राहुल गांधी ने द्वेषपूर्ण टिप्पणी की थी; हिंदू धर्म में शक्ति नाम का एक शब्द है और हम शक्ति के खिलाफ लड़ रहे हैं। नेहरू की हिंदू विरोधी मानसिकता की तीखी प्रतिध्वनि राहुल गांधी में मिलती है, जिन्होंने हाल ही में पवित्र छठ पूजा को एक नाटक बताकर अपमानित और बदनाम किया, जिससे करोड़ों श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुईं।

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