कुशीनगर। मालवाहक वाहनों से सवारी ढोने पर लगाये गये रोक के बावजूद नौनिहालों के जिन्दगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। ताजा मामला जिला मुख्यालय रवीन्द्रनगर का है जहा आयोजित बेसिक बाल क्रीड़ा प्रतियोगिता में स्कूली बच्चे ट्रैक्टर ट्राली, पीकअप व अन्य मालवाहक गाड़ी से पहुचे और जिले के आला अफसर धृतराष्ट्र बनकर देखते रहे।
काबिलेगौर है कि जिला मुख्यालय पर बेसिक विभाग द्वारा जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। खेल प्रतियोगिता मे जनपद के परिषदीय विद्यालय के छात्रों ने भाग लिया था। विभाग द्वारा कोई व्यवस्था नही किये जाने के कारण छात्र अपने सुविधानुसार ट्रैक्टर ट्राली, पिकअप सहित अन्य मालवाहक वाहन पर सवार होकर प्रतियोगिता मे शामिल होने के लिए पहुंचे थे। यहां बताना जरूरी है कि आये दिन हो रही सडक हादसे को दृष्टिगत सूबे सरकार ने मालवाहक वाहन से सवारी ढोने पर पूर्णत प्रतिबंध लगा दिया है इसके बावजूद बेसिक शिक्षा विभाग ने देश के भविष्य कहे जाने वाले नौनिहालों के जिन्दगी से खिलवाड करने से बाज नही आया। मजे की बात यह है कि जिला मुख्यालय रवीन्द्रनगर पर न सिर्फ पुलिस चौकी स्थित है बल्कि यातायात पुलिस आफिस भी वहा है। इसके अलावा नवम्बर माह यातायात माह के रूप मे मनाये जाने के कारण चेकिंग व जागरूकता अभियान का ढिंढोरा पीटा जा रहा है। बावजूद इसके जान जोखिम मे डालकर प्रतियोगिता मे हिस्सा लेने पहुंचे बच्चों पर किसी जिम्मेदार की नजर नही पडी जो अपने आप मे एक सवाल है। अब सवाल यह उठता है कि भगवान न करे अगर इन बच्चों के साथ कोई अनहोनी हो जाती तो जिम्मेदार कौन होता? शिक्षक या नौनिहाल बच्चे या फिर बच्चों के अभिभावक या मालवाहक वाहन का चालक या फिर शिक्षा विभाग के आला अफसर व पुलिस विभाग। यह यक्ष प्रश्न मुंह बाये खडी है जिसका जबाब जिम्मेदारों के पास भी नही है।