अवधनामा संवाददाता
सहारनपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार 14 मई 2022 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन सहारनपुर एवं जनपद की समस्त तहसीलों में रखा गया है। जिसके प्रचार-प्रसार के लिए आज न्यायिक अधिकारियों द्वारा सिविल कोर्ट परिसर से प्रचार वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
जिला जज अश्विनी कुमार त्रिपाठी, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय, नरेन्द्र कुमार पीठासीन अधिकारी मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण अनुपम कुमार ने संयुक्त रूप से सिविल कोर्ट परिसर से राष्ट्रीय लोक अदालत के प्रचार वैन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। उक्त वैन पूर्ण जनपद में 10 व 11 मई को राष्ट्रीय लोक अदालत का प्रचार-प्रसार करेंगे और जनपद के प्रत्येक नागरिक को जागरूक करेगी। इस अवसर पर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक पुण्डीर, सचिव नितिन शर्मा सहित समस्त न्यायिक अधिकारीग उपस्थित रहे। राष्ट्रीय लोक अदालत में जिला जज ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में मोटर दुर्घटना प्रतिकर अधिनियम के बाद वैवाहिक याद (तलाक के प्रकरण को छोड़कर) लघु शमनीय वाद, भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम के वाद, एनआई एक्ट की धारा 138 के वाद दीवानी याद विद्युत अधिनियम के वाद एमवी एक्ट व ई चालान के बाद भूराजस्व के बाद ( केवल उच्च न्यायालय एवं जनपद न्यायालय में लम्बित) आपसी सुलह समझौते के आधार पर निस्तारित किये जायेंगे। उक्त वादों से सम्बन्धित वादकारी सम्बन्धित न्यायालय में स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से सम्पर्क कर अपने वाद को राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारित करा सकते है। राष्ट्रीय लोक अदालत विवादों के सरल एवं सौहादपूर्ण निपटारे का महत्वपूर्ण माध्यम है। आपसी समझौते से वादों के निस्तारण से सामाजिक सौहार्द कायम रहता है। जो वाद राष्ट्रीय लोक अदालत मे निस्तारित होते है, उसमें दोनों पक्षों की जीत होती है। निस्तारित वाद की कोई अपील नही होती तथा अदा की गयी कोर्ट फीस वापिस हो जाती है। इसलिए सभी विद्वान अधिवक्ता, वादकारी एवं समस्त हितधारकों से अपील है कि इस महत्वपूर्ण कार्य में सहभागी बने और अधिक से अधिक वाद निस्तारित करायें, ताकि राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन को सफल बनाया जा सकें। लोक अदालत में दीवानी प्रकृति के प्राचीन वाद, घरेलू हिंसों से सम्बन्धित प्रकरण, प्राचीन शमनीय फौजदारी वाद, माध्यस्थम निष्पादन के वाद और अन्य प्रकार के प्राचीन वाद के निस्तारण पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। राष्ट्रीय लोक अदालत में अब तक जजशिप के विभिन्न न्यायालयों में 19000 अधिक वाद तथा कुल 121 वैवाहिक वाद व 40 मोटर दुर्घटना प्रतिकर अधिनियम वाद नियत किये जा चुके है तथा बैंक लोक सम्बन्धी प्रिलिटिगेशन वाद एवं अन्य राजस्व न्यायालयों में कुल 40000 से अधिक वाद भी नियत किये जा चुके है। इस प्रकार कुल लगभग 59000 वाद निस्तारण हेतु नियत किये जा चुके है।