प्रहलाद चरित्र, श्रीराम-सीता विवाह व श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का प्रसंग सुनाया

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बांसी सिद्धार्थनगर। खेसरहा विकास क्षेत्र के ग्राम पंचायत विशुनपुर मुस्तहकम निवासी दीनबन्धू मौर्य निवास स्थान पर के नौ दिवसीय भागवत कथा के चौथे दिन रविवार को व्यास गद्दी पर विराजमान कथावाचक आचार्य करन पान्डेय महाराज ने प्रहलाद चरित्र, भगवान श्रीराम व सीता विवाह तथा श्रीकृष्ण जन्मोत्सव से जुड़े प्रसंग सुनाए ।महराज ने कहा कि मनुष्य को नशा नहीं करनी चाहिए। जितना उसे अपना जीवन प्यारा है, उतना ही अन्य जीवों को अपना जीवन प्यारा है।

युवा पीढ़ी को हमेशा नशे से दूर रहना चाहिए, नशा केवल शरीर को ही नहीं, बल्कि मनुष्य की बुद्धि को भी क्षीण कर देता है।नशे के चलते कई परिवारों का नाश हो चुका है।महाराज ने कहा कि पापियों के लिए यमराज होता है, जबकि धर्म मयों के लिए धर्मराज होता है।मनुष्य को हमेशा सत्संग और कथा सुननी चाहिए। जिस जगह पर कथा का वाचन और सत्संग हो रहा हो, वहां बैठकर हमेशा शांति से भगवान का नाम लेवे, ताकि हमें भी भगवत की प्राप्ति हो सके। हमें हमेशा सद्कर्म करने चाहिए। हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि अगर भगवान ने हमारे जीवन में दुख दिए है, तो वह सुख भी देगा। दुख में कभी घबराना नहीं चाहिए तथा करते रहना चाहिए।इस दौरान अनिल मौर्य, अजय मौर्य, सहित तमाम भक्तगण श्रोता मौजूद रहे।

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