- योजना कोविड से प्रभावित 5 लाख परिवारों के लिए ग्रामीण आजीविका का पुनर्निर्माण करेगी
- द/नज अगले 3 से 5 वर्षों में इस कार्यक्रम में 200 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगी
लखनऊ। द/नज सेंटर फॉर रूरल डेवलपमेंट ने ग्रामीण आजीविका का समर्थन करने और गरीब परिवारों को सरकारी कार्यक्रमों, सब्सिडी, योजनाओं और निजी क्षेत्र के निवेश तक पहुंचने में मदद करने के लिए आशा किरण योजना की घोषणा की है तथा इसमें 200 करोड़ रुपये का निवेश करने का निर्णय लिया है। आशा किरण – द होप प्रोजेक्ट नामक यह पहल बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, द रॉकफेलर फाउंडेशन, द स्कोल फाउंडेशन, हिंदुस्तान यूनिलीवर फाउंडेशन, फिक्की-आदित्य बिरला सीएसआर सेंटर फॉर एक्सीलेंस, एचटी पारेख फाउंडेशन, गोदरेज, आरबीएल बैंक, केपीएमजी और अन्य द्वारा समर्थित है।
आशा किरण ने प्राथमिक राज्य के तौर पर उत्तर प्रदेश और पड़ोसी इलाकों पर ध्यान केंद्रित किया है। यह सरकार के साथ साझेदारी में उच्च प्रभाव वाले मॉडल का दायरा बढ़ाने के लिए सरकारी प्राथमिकताओं और कार्यक्रमों पर निर्माण करेगी। आशा किरण के कार्यान्वयन भागीदारों में ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया फाउंडेशन, इंडस एक्शन, मैजिक बस, हेफ़र इंटरनेशनल, ट्रस्ट कम्युनिटी लाइवलीहुड, द गोट ट्रस्ट, हकदर्षक और अन्य शामिल हैं।
द/नज के अध्यक्ष आशीष करमचंदानी ने कहा, “द/नज पिछले तीन वर्षों से झारखंड राज्य में काम कर रहा है और वहां 110 गांवों में वंचित समुदायों के लिए आजीविका का निर्माण कर रहा है। कोविड के प्रभाव के चलते हम इस कार्य को उत्तर प्रदेश राज्य में विस्तारित कर रहे हैं। यूपी सरकार के साथ साझेदारी करके हम अपने काम के प्रभाव को इस राज्य के सबसे अधिक प्रभावित जिलों में वंचित परिवारों तक पहुंचाने में सक्षम होंगे। ”
पहली लहर के बाद से, आशा किरण उत्तर प्रदेश में जमीन पर बड़े पैमाने पर पायलट परियोजना चला रही है। इन योजनाओं से द/नज तत्काल जरूरतों को पूरा कर रही है और दीर्घकालिक स्थायी आजीविका का निर्माण भी कर रही है। आशा किरण से द/नज की कोशिश यह है कि यूपी के ग्रामीण गरीबों, विशेष रूप से महिलाओं को महामारी के प्रहार से निपटने में मदद मिल सके। आशा किरण उत्तर प्रदेश के 7 जिलों में सक्रिय रही है। वहां यह योजना 80,000 से अधिक परिवारों तक खाद्य सुरक्षा पहुंचाने, उनकी आय सुरक्षा में सुधार करने और उनके लिए दीर्घकालिक स्थाई आजीविका का निर्माण करने में सक्षम रही है।
कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर ने और भी अधिक नुकसान पहुँचाया है। इसने ग्रामीण गरीबों की आजीविका को ऐसे समय में नष्ट किया है जब वे पहली लहर के बाद अपनी स्थिति सुधरने की उम्मीद कर रहे थे।
उत्तर प्रदेश में सरकार ने मौजूदा योजनाओं और नए उपायों की मदद से त्वरित राहत प्रदान करने के लिए कदम बढ़ाये हैं। उत्तर प्रदेश में सरकारी योजनाओं की पहुँच को बढ़ाने की विशाल क्षमता है। इस राज्य के स्वयं सेवी संगठनों तथा सामाजिक संस्थानों के विस्तृत एवं सुदृढ़ ढाँचे के ज़रिये तेज़ी से महामारी से उभरने के प्रयासों को बल दिया जा सकता है और दीर्धकालिक विकास किया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश सरकार के ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह ने कहा, “उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम चल रहे हैं। गरीबों के लिए उनके लाभों को बढ़ाने के लिए कंवर्जेंस को सक्षम करना महत्वपूर्ण है। मुझे खुशी है कि आशा किरण इसे सक्षम बनाने के लिए सरकार, निजी क्षेत्र और नागरिक समाज के साथ सक्रिय रूप से भागीदारी कर रही है।”
आशा किरण एक फोर्स-मल्टीप्लायर के रूप में काम कर रहा है और लक्षित, उच्च प्रभाव वाले एवं लागत प्रभावी
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