मध्य प्रदेश में फिर से मानसूनी गतिविधियां शुरू हो गई हैं। साइक्लोनिक सर्कुलेशन और मानसून ट्रफ की एक्टिविटी के कारण ऐसी स्थिति बन रही है। प्रदेश में अगले 24 घंटे में कहीं तेज, तो कहीं हल्की बारिश होगी। गुना, सागर समेत सात जिलों में तेज बारिश का अलर्ट है। हालांकि 15 अगस्त से मौजूदा सिस्टम कमजोर हो जाएंगे।
मौसम विभाग के अनुसार, ‘पूर्व-उत्तर राजस्थान के ऊपर साइक्लोनिक सर्कुलेशन एक्टिव है। यहीं से होते हुए मानसून ट्रफ गुजर रही है। एक अन्य ट्रफ और 2 साइक्लोनिक सर्कुलेशन भी एक्टिव है। कल से सिस्टम कमजोर हो जाएंगे। अगले सिस्टम के एक्टिव होने तक प्रदेश में बूंदाबांदी और गरज-चमक की स्थिति रहेगी। प्रदेश में सीजन की 73% बारिश ज्यादा हो गई है। अब तक 23.5 इंच बारिश होनी चाहिए, लेकिन 27.2 इंच पानी गिर चुका है।
इससे पहले प्रदेश में मंगलवार को हल्की बारिश का दौर रहा, लेकिन शिवपुरी में आधा इंच पानी गिर गया। भोपाल, छतरपुर जिले के खजुराहो, सतना, बैतूल, धार, ग्वालियर, नर्मदापुरम में भी हल्की बारिश हुई। अब तक हुई बारिश में जबलपुर, भोपाल और नर्मदापुरम संभाग सबसे आगे हैं। जबलपुर संभाग के मंडला में बारिश का आंकड़ा 41 इंच से अधिक है। सबसे ज्यादा बारिश वाले टॉप-10 जिलों में सिवनी, नर्मदापुरम, रायसेन, श्योपुर, छिंदवाड़ा, डिंडौरी, सागर, राजगढ़ और बालाघाट हैं। भोपाल में 33 इंच से अधिक पानी गिर चुका है। यह सामान्य बारिश का करीब 90% है। सीजन की बारिश में 4 इंच पानी की और जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि बारिश का दौर थमने से प्रदेश के डैमों में पानी की आवक भी घट गई थी, लेकिन मंगलवार से पानी फिर से बढ़ने लगा है। अब तक प्रदेश के सभी डैमों में 80 प्रतिशत तक पानी आ चुका है। इस कारण उनके गेट खोलने पड़े हैं। इनमें कोलार, बाणसागर, कुंडालिया, बरगी, इंदिरा सागर, ओंकारेश्वर, कलियासोत, भदभदा, केरवा समेत अन्य डैम भी शामिल हैं।