मोर्टिन ने बरेली में मनाया अंतरराष्ट्रीय मलेरिया दिवस 2024, बरेली को मलेरिया मुक्त बनाने का कर रहे हैं प्रयास

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अवधनामा संवाददाता

बरेली : अंतरराष्ट्रीय मलेरिया दिवस के अवसर पर, मोर्टिन ने अपने मिशन जीरो मलेरिया प्रोग्राम के तहत, प्रयत्न के साथ मिलकर बरेली में स्कूल मलेरिया पाठ्यक्रम शुरू करने और एक अनूठी मच्छर प्रतिमा की सार्वजनिक स्थापना करने की घोषणा की है। बरेली को मलेरिया मुक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ समाज को मलेरिया की रोकथाम के बारे में जागरूक करने के लिए, मोर्टिन मिशन जीरो मलेरिया ने प्रसिद्ध कलाकार डा.बिभूति अधिकारी के साथ मिलकर मच्छर जनित रोगों, विशेषरूप से मलेरिया के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक सार्वजनिक प्रतिभा का निर्माण किया है।
मलेरिया एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बना हुआ है, विशेषरूप से भारत में उत्तर प्रदेश राज्य में, जहां अकेले बरेली जिले में राज्य के कुल मलेरिया मामलों का उच्च प्रतिशत है, जो लक्षित हस्तक्षेप की तत्काल जरूरत को रेखांकित करता है।2023 में अपनी स्थापना के बाद से, मोर्टिन मिशन जीरो मलेरिया बरेली में समुदायों के बीच स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने और व्यवहार परिवर्तन लाने का प्रयास कर रहा है।
गौरव जैन, एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट, रेकिट- साउथ एशिया,ने कहा, “2030 तक मलेरिया को खत्म करना एक महत्वपूर्ण वैश्विक और राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य लक्ष्य है। रेकिट में, हम इस बात पर पूरा भरोसा करते हैं कि स्वास्थ्य तक पहुंच कोई विशेषाधिकार नहीं है, बल्कि सभी के लिए एक मौलिक अधिकार है। आज हम विश्व मलेरिया दिवस मना रहे हैं, मलेरिया एक गंभीर खतरा है, लेकिन इसे प्रभावी मच्छर नियंत्रण, समय पर पहचान और उचित उपचार के माध्यम से रोका जा सकता है, यह संदेश देने के लिए कला और संस्कृति का लाभ उठाने पर हमें गर्व है। बरेली सार्वजनिक कला प्रतिष्ठानों की भूमि है, ऐसे में हमारा मानना हे कि यह अनूठी मूर्ति बरेली के लोगों को तबतक सतर्क रहने की याद दिलाने का काम करेगी जबतक कि हम मलेरिया मुक्त वातावरण प्राप्त नहीं कर लेते।”
प्रतीक कुमार, प्रेसिडेंट, प्रयत्न ने कहा, “इस विश्व मलेरिया दिवस पर, हम रेकिट के साथ भागीदारीकर काफी खुश हैं क्योंकि हम मानवता के सबसे पुराने और सबसे घातक दुश्मनों में से एक मलेरिया से लड़ने की अपनी प्रतिबद्धता के लिए एकजुट हुए हैं। सामूहिक प्रयासों और अटूट दृढ़ संकल्प के साथ हम मलेरिया को हरा सकते हैं। आइए हम एकजुटता के साथ खड़े रहें, न केवल आज, बल्कि तबतक जब तक हम मलेरिया मुक्त बरेली और मलेरिया मुक्त विश्व के अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर लेते।”
सोनाली खान, मैनेजिंग डायरेक्टर, सेसमे वर्कशॉप इंडिया ने कहा, “मोर्टिन और प्रयत्न के साथ हम मिशन जीरो मलेरिया यात्रा पर हैं, सेसमे वर्कशॉप इंडिया ने गर्व के साथ बच्चों को शिक्षित करने के लिए मलेरिया जासूस, मलेरियागुरु, मलेरिया पुलिस और मिस मलेरिया जैसे अनोखे पात्रों के साथ एक आकर्षक स्कूल मलेरिया पाठ्यक्रम पेश किया है। हमारा लक्ष्य ज्ञान और क्रियाकलापों के बीच अंतर को कम करना, आकर्षक सामग्री के माध्यम से मलेरिया की रोकथाम के प्रति महत्वपूर्ण दृष्टिकोण पैदा करना है। स्टेम पाठ्यक्रम के साथ संरेखित एजुकेशनल किट, स्टॉप मलेरिया क्लब, न केवल मलेरिया को रोकेगी बल्कि जागरूक, जिम्मेदार नागरिकों की एक पीढ़ी को तैयार भी करेगी। सेसमे वर्कशॉप इंडिया बच्चों को प्रजनन चक्र को समझने, लक्षणों को पहचानने और सक्रिय उपाय करने के लिए सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।”
मुरादाबाद के प्रतिष्ठित पोलियो चौक और गुजरात में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ की तरह, बरेली के मच्छर चौक पर मच्छर की मूर्ति लगाने का उद्देश्य मलेरिया की रोकथाम और नियंत्रण के महत्व पर चर्चा छेड़ना और स्कूलों, समाज, संगठनों और स्वास्थ्य पेशेवरों को संवेदनशील बनाना है। इस कलाकृति में तीन खंभों और तीन मच्छरों से सजी 18 फुट ऊंची संरचना है, जो मच्छरों से उत्पन्न खतरे की मार्मिक याद दिलाती है। मूर्ति में तीन लाइटें होंगी जो शहर में मच्छरों के संक्रमण के पैटर्न के आधार पर रंग बदलेंगी: हरा, जब मलेरिया/मच्छरों के संक्रमण से डरने की कोई जरूरत नहीं होगी, ऑरेंज, जब शहर में मलेरिया के मामलों का प्रकोप होगा और लाल, जब मामले बढ़ रहे होंगे और लोगों को अपनी सुरक्षा करने की जरूरत होगी।
मूर्ति बनाने वाले कलाकार, डा. बिभूति अधिकारी ने कहा,”एक कलाकार के लिए, अपनी कला के माध्यम से गहरा सामाजिक प्रभाव डालने का अवसर मिलना अद्वितीय है। जब रेकिट ने मलेरिया से जुड़ी एक सार्वजनिक कला संरचना बनाने के बारे में मुझसे संपर्क किया, तो मैंने इस परियोजना की अपार संभावनाओं के बारे में जाना। रेकिट के दृष्टिकोण को अपनाते हुए, मैंने अपने कलात्मक कौशल का उपयोग कर इसे जीवंत बनाया। एक कलाकार के रूप में, मैं इस विचार में पूरी दृढ़ता से भरोसा करता हूं कि कला वह नहीं है, जो आप देखते हैं, बल्कि कला वह है जो आप दूसरों को दिखाते हैं। अगर यह कलाकृति मलेरिया के बारे में जागरूकता बढ़ाने में सफल होती है और बरेली में समाज को सामूहिक आवश्यक उपाय करने के लिए प्रोत्साहित करती है, तब ये अपना उद्देश्य हासिल कर पाएगी।”
‘जानकारी, कार्यवाही, नियंत्रण’ फ्रेमवर्क पर आधारित, मोर्टिन ने सेसमे वर्कशॉप इंडिया के साथ मिलकर बच्चों के बीच शिक्षा और जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एक व्यापक स्कूल मलेरिया पाठ्यक्रम विकसित किया है।5 से 15 वर्ष के बच्चों के लिए तैयार किए गए पाठ्यक्रम में बच्चों के साथ प्रभावी ढंग से संवाद करने के लिए मनोरंजक पात्रों के साथ मलेरिया एक्टिविटी शीट, मच्छर हंट बुक, मलेरिया कैलेंडर, मलेरिया सुरक्षा चक्र और स्टॉप मलेरिया क्लब बेज जैसी आकर्षक शैक्षणिक सामग्री शामिल है। स्कूल मलेरिया पाठ्यक्रम का लक्ष्य बरेली के 850 स्कूलों में 4 लाख से अधिक बच्चों तक पहुंचना, उन्हें आवश्यक जानकारी प्रदान करना और वांछित व्यवहार परिवर्तन प्रथाओं को अपनाकर अपने समाज के भीतर बदलाव एजेंट बनने के लिए सशक्त बनाना है।
मोर्टिन अपने मिशन जीरो मलेरिया प्रोग्राम के साथ, बरेली को मलेरिया मुक्त बनाने के अपने मिशन के लिए प्रतिबद्ध है। यह भागीदारी निवेश, टेक्नोलॉजी तक पहुंच और नवाचार को सुनिश्चित करेगी, जिसका लाभ लक्षित क्षेत्र में मलेरिया के मामलों को कम करने के लिए उठाया जा सकता है। सामूहिक प्रयासों और समाज की सहभागिता के माध्यम से, इस अभियान का उद्देश्य मलेरिया से उत्पन्न चुनौतियों पर काबू पाना और आने वाली पीढि़यों के लिए एक स्वस्थ, मलेरिया मुक्त भविष्य का निर्माण करना है।

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