इस्लामी कैलेंडर के पहले महीने में मनाया जाने वाला मोहर्रम इस वर्ष जनपद हमीरपुर में पूरी आस्था, परंपरा और शांति के साथ सम्पन्न हुआ। विशेषकर दसवीं मोहर्रम यानी आशूरा के दिन करबला में ताजिए, नेजे और ढाल सवारियों को नम आंखों के साथ सुपुर्द-ए-आब किए जाने के साथ ही इस धार्मिक आयोजन का भावपूर्ण समापन हुआ।
मौदहा जैसे अति संवेदनशील क्षेत्र में जिस तरह प्रशासन ने पूरी सतर्कता और अनुशासन के साथ इस आयोजन को सकुशल सम्पन्न कराया, वह प्रशंसा के योग्य है। तेज बारिश, भारी भीड़ और धार्मिक संवेदनशीलता के बावजूद एक भी अप्रिय घटना का न होना, जिला प्रशासन की सतर्क निगरानी और ठोस प्रबंधों का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
बारिश में भी नहीं डगमगाया अकीदतमंदों का हौसला
मोहर्रम की दसवीं तारीख को जब ताजियों का जुलूस अपने परंपरागत मार्गों से निकल रहा था, तभी शाम लगभग 6 बजे से तेज बारिश शुरू हो गई। लेकिन बारिश के बावजूद अकीदतमंदों की श्रद्धा और जोश में कोई कमी नहीं आई। भीगते हुए लोग पूरे जोश और जुनून के साथ मातम में शरीक होते रहे।
जल्द ही जुलूस मौदहा के नरहय्या इलाके में एकत्र हुआ, जहां हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे। यह दृश्य न सिर्फ धर्म के प्रति आस्था का प्रतीक था, बल्कि सामाजिक एकजुटता की मिसाल भी बना।
जिला प्रशासन की अद्वितीय तत्परता
पूरे आयोजन के दौरान जिला प्रशासन की व्यवस्थाएं बेहद प्रभावशाली रहीं। जिलाधिकारी धनश्याम मीणा और पुलिस अधीक्षक दीक्षा शर्मा स्वयं मुख्यालय से आयोजन की पल-पल निगरानी करते रहे और समय निकालकर मौके पर पहुंचकर निरीक्षण भी किया।
उपजिलाधिकारी मौदहा राजेश कुमार गुप्ता और क्षेत्राधिकारी विनीता पहल मोहर्रम की रात भर फील्ड में डटे रहे। इनके साथ तहसीलदार शिखर मिश्रा, नायब तहसीलदार महेंद्र गुप्ता, कोतवाली प्रभारी उमेश कुमार सिंह, अपराध प्रभारी चंद्रशेखर गौतम और अन्य पुलिस अधिकारी पूरे समय व्यवस्था में जुटे रहे।
हर इमाम चौक पर राजस्व विभाग के कर्मचारियों की तैनाती, पुलिस और पीएसी का पैदल गश्त, CCTV कैमरे, एम्बुलेंस की तैनाती, और रूट डायवर्जन जैसी व्यवस्थाएं यह दर्शाती हैं कि प्रशासन ने आयोजन से पहले और आयोजन के दौरान हर स्तर पर सजगता दिखाई।
नेताओं और जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी
इस अवसर पर हमीरपुर, महोबा और तिंदवारी क्षेत्र के सांसद आजेंद्र राजपूत भी मौदहा पहुंचे। उन्होंने उपरौस इमाम चौक कमेटी कार्यालय में लोगों से मुलाकात की और सभी से शांतिपूर्ण ढंग से त्योहार मनाने की अपील की।सांसद नें अपनें हांथों से लोगो को लंगर भी तकसीम किया सांसद का यह संदेश आमजन में भरोसा और सौहार्द की भावना को और प्रबल करता है।
जनसहभागिता और सौहार्द की मिसाल
पूरे जिले की बात करें तो हर कस्बे, गांव और तहसील में मोहर्रम का पर्व परंपरा और शांति के साथ सम्पन्न हुआ। चाहे वह नरायच, मदारपुर, परछा, कम्हरिया या गुसियारी हो – हर जगह अलाव खेले गए, ताजिए उठे और करबला पहुंचकर सुपुर्द-ए-आब किए गए।
जनपदवासियों ने संयम, अनुशासन और भाईचारे की जो मिसाल पेश की, वह प्रशंसनीय है। भीषण गर्मी, मूसलाधार बारिश, और भीड़ के बावजूद किसी भी तरह की अफवाह या विवाद की कोई खबर नहीं आई।
मोहर्रम का यह आयोजन न केवल धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक था, बल्कि जिला प्रशासन और जनभागीदारी के सफल समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण भी रहा। संवेदनशील मौदहा जैसे क्षेत्र में जिस प्रकार शांति, सुरक्षा और परंपरा का समागम देखने को मिला, उसने हमीरपुर जिले को गौरवान्वित किया है।