ललितपुर। अनंत सेवा ग्रुप के तत्वाधान में मोहम्मद रफी साहब का सौवां जन्मोत्सव मनाया गया जिसमें स्थानीय कलाकारों ने अपना प्रतिभाग किया और उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन एवं माल्यार्पण करके की गई। इसके बाद वक्ताओं ने उनके जीवन पर प्रकाश डाला और बताया कि रफी साहब जैसा गायक अब हमें कभी नहीं मिलेगा और रफी साहब को हम जब तक यह दुनिया है। हमेशा उनके गीतों को गुनगुनाती रहेगी। हमारे हिंदुस्तान में संगीत की दुनिया मे वो एक अनमोल रतन में से एक रत्न थे। कलाकारों ने अपने-अपने अंदाज में उनको अपनी श्रद्धांजलि दी, जिसमें मुकेश बेगी ने छलकाए जाम ,संजय श्रीवास्तव ने तेरी आंखों के सिवा, प्रतीक श्रीवास्तव ने यह रेशमी जुल्फें, डा.विजय द्विवेदी ने तेरी गलियों में ना रखेंगे कदम। बालमुकुंद सोनी से सोनी ने आने से उसके आए बहार, शाक्यजी ने जब भी यह दिल उदास होता है। सुबोध शर्मा ने मैं जिंदगी का साथ निभाता चला गया, केतन दुबे ने पुकारता चला हूं मैं, तैय्यब खान ने तुम मुझे यू भुला न पाओगे, शुभम देवरिया ने क्या हुआ तेरा वादा, सौरभ जैन ने तू इस तरह से मेरी जिंदगी में शामिल है, विक्की रत्नाकर ने मतलब निकल गया तो पहचानते नहीं,परवेज पठान ने चांद सी महबूबा हो मेरी तुम,संजीव बाबरा ने बार बार दिन ये आये। डा.प्रबल सक्सेना ने वो जब याद आए बहुत याद आए गीतों को गाकर उनको अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। कार्यक्रम में इनके अलावा प्रशांत श्रीवास्तव, लोकेंद्र राठौर, अमित पंथ का विशेष सहयोग रहा। अंत में डा.प्रबल सक्सेना ने सभी का आभार व्यक्त किया एवं संचालन सुबोध शर्मा ने किया।
मोहम्मद रफी देश के अनमोल रत्नों में से एक थे
अनन्त सेवा ग्रुप ने मनाया मोहम्मद रफी का सौ वां जन्मोत्सव
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