बंदी की कगार पर पहुंची मनरेगा, चार महीने से नहीं हुआ लेबर पेमेंट

0
28

रोजी रोटी के लाले पड़े, पलायन को मजबूर हुए मनरेगा मजदूर

चार महीने से मजदूरों के खातों में नहीं आया मजदूरी का पैसा,डेढ़ साल से नहीं हुआ मैटेरियल पेमेंट

कृपया मनरेगा का मोनोग्राम लगाएं

उत्तर प्रदेश सरकार आठ साल की उपलब्धियों को लेकर विकास उत्सव मना रही है। मनरेगा मजदूरों के हाथ पिछले चार महीने से खाली है। लेबर और मैटेरियल पेमेंट न होने के कारण मनरेगा बंदी के कगार पर पहुंच गई है। भुगतान न होने के कारण जिले की357ग्राम पंचायतों में मनरेगा के काम बंद है। आधा दर्जन विकास खंडों में मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों की संख्या 500से कम है। गांवों में रोजगार न मिलने से मजदूर रोजी रोटी के लिए पलायन को मजबूर हैं।

मनरेगा योजना में विलम्बित भुगतान एक आम समस्या है।समय से कोई भी भुगतान नहीं होता है। 6दिसम्बर के बाद कोई लेबर पेमेंट नहीं हुआ है। अधिकांश ग्राम प्रधानों ने काम कराना बंद कर दिया है। बुधवार को जिले की 357ग्राम पंचायतों में मनरेगा के काम बंद रहे।325ग्राम पंचायतों में काम करने वाले मजदूरों की संख्या 6835रही।

सबसे खराब स्थिति अमेठी विकास खंड की है, यहां बुधवार को काम करने वाले मजदूरों की संख्या 134रही।भादर में 195, भेंटुआ में 458और संग्रामपुर में 287लोंगों ने दिहाड़ी की है। शाहगढ़ में संख्या 238रही।

कई ग्राम प्रधानों ने बताया कि मनरेगा में काम करने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। लोगों को दिहाड़ी देना मुश्किल हो रहा है।

नये कार्यों को वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति देने का काम ठप

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here