सरीला के इछौरा जिटकरी खंड संख्या 25/25 में खनन माफिया दिनेश अग्रवाल बेतवा नदी की जलधारा में भारी पोकलैंड मशीनों से अवैध खनन कर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। जिलाधिकारी के सख्त रवैये के बावजूद माफिया में कोई खौफ नहीं,
NGT नियमों की अनदेखी।
NGT के अनुसार जलधारा में मशीनों से खनन प्रतिबंधित है तथा खनन गहराई 3 मीटर से अधिक नहीं किया जा सकता ।मैनुअली खनन करना और सीसीटीवी लगाना अनिवार्य। लेकिन उक्त खदान में गहरी खुदाई और अस्थायी पुल बनाकर मौरंग की निकासी हो रही है, जिससे नदी का प्राकृतिक प्रवाह बाधित है।
रोयाल्टी चोरी, सरकार को नुकसान
सूत्रों की मानें तो खंड संख्या 25/25 में बिना रोयाल्टी और ओवरलोड ट्रकों से मौरंग ढुलाई से सरकार को लाखों का राजस्व नुकसान हो रहा। खनिज विभाग ने हाल ही में 17 खदानों पर 3.41 करोड़ का जुर्माना लगाया था लेकिन माफियाओं पर असर नहीं।
पर्यावरण और जनता को खतरा
गहरी खुदाई से जल स्तर मे कमी आ रही है तथा जलीय जीव-जंतु नष्ट हो रहे। स्थानीय लोग पानी की किल्लत और मशीनों के शोर से परेशान। ग्रामीणों का आरोप, “प्रशासन की कारवाई के बावजूद क्यों नही रुक रहा है अवैध खनन?”
जिलाधिकारी का सख्त रवैया, फिर भी नाकामी।
जिलाधिकारी घनश्याम मीना ने जांच टीमें गठित कर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए, लेकिन खंड 25/25 में खनन बेरोकटोक जारी है। अवैध खनन से बेतवा नदी और पर्यावरण को बचाने के लिए मशीनों की जब्ती, भारी जुर्माना और पारदर्शी निगरानी की जरूरीहै।