हमीरपुर, 05 मई 2025: संभावित बाढ़ और सूखे की चुनौतियों से निपटने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की महत्वपूर्ण बैठक जिलाधिकारी घनश्याम मीना की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई। इस बैठक में बाढ़ और सूखे से निपटने की फूलप्रूफ रणनीति पर गहन चर्चा हुई, जिसमें सभी संबंधित विभागों को तत्काल तैयारियां शुरू करने के निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी के सख्त निर्देश:
बाढ़ की तैयारी: नावों का चिन्हांकन और उनकी मजबूती की जांच तुरंत शुरू करें। खराब नावों को ठीक कराएं और नाविकों व ग्राम प्रधानों के मोबाइल नंबर संकलित करें।
रसद और राहत सामग्री:
जिला पूर्ति अधिकारी को राशन, डीजल, पेट्रोल और गैस की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने का आदेश। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री वितरण की पहले से तैयारी।स्वास्थ्य और पशुपालन: स्वास्थ्य विभाग को जरूरी दवाइयों का स्टॉक तैयार करने और पशुपालन विभाग को पशुओं के टीकाकरण, चारे व भूसे की व्यवस्था के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश।
विद्युत और सड़क:
जलभराव वाले क्षेत्रों में बिजली व्यवस्था और बाढ़ प्रभावित सड़कों की मरम्मत का प्लान तैयार करें।रेड जोन पर विशेष फोकस: बाढ़ के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष कार्ययोजना और गोताखोरों का चिन्हांकन।चेतावनी तंत्र और बाढ़ चौकियां: सूचना तंत्र को मजबूत करें, बाढ़ चौकियों को दुरुस्त करें और ऊंचे स्थानों का चिन्हांकन करें।
लू और पेयजल पर जोर:
जिलाधिकारी ने भीषण गर्मी और लू से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। सार्वजनिक स्थानों पर प्याऊ की अनिवार्य व्यवस्था और टैंकरों की कमी को दूर करने का आदेश। नहरों में टेल तक पानी और तालाबों को नियमित भरने पर जोर। अन्ना पशु आश्रय स्थलों में भूसा, पानी और छाया की पुख्ता व्यवस्था के लिए कहा गया।अवैध कब्जों पर सख्ती: टैंकरों और हैंडपंपों पर किसी भी तरह का अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं होगा। सभी का सार्वजनिक उपयोग सुनिश्चित हो।बैठक में सीडीओ, एडीएम (वित्त, राजस्व, न्यायिक), अपर पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्साधिकारी, एसडीएम, अधिशासी अभियंता (मौदहा बांध, विद्युत, पीडब्ल्यूडी), डीपीआरओ, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी और नगरीय निकायों के अधिकारी मौजूद रहे।
हमीरपुर अब तैयार!
जिलाधिकारी घनश्याम मीना के नेतृत्व में जिला प्रशासन ने आपदा प्रबंधन की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। यह बैठक आपदा से निपटने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।