अवधनामा संवाददाता
एक दूसरे को गले लगाकर एकता, प्रेम और एकजुटता का संदेश दें।
लखनऊ। इमामिया एजुकेशनल ट्रस्ट, लखनऊ के तत्वाधान में इमामिया हॉल में हज्जतुल इस्लाम मौलाना तफसीर हसन रिजवी की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें बड़ी संख्या में विद्वान और बुद्धिजीवी हिस्सा लेंगे।
महासचिव मौलाना अली हुसैन कुम्मी ने कहा कि इस्लाम में नौरोज का बड़ा महत्व है। यह तिथि एक ओर नववर्ष के प्रारंभ की तिथि है तो दूसरी ओर अनेक पैगम्बरों की श्रेष्ठता का श्रेय देती है। इस तारीख को हजरत अली ने अपनी खिलाफत की घोषणा की, नूह कषती पर सवार हुए। ईरान में नौरोज को एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। वक्ताओं ने कहा कि यह दिन अनेक खुशियों से जुड़ा है। इसी लिए नौरोज के दिन एक दूसरे को गले लगाकर एकता, प्रेम और एकजुटता का प्रबंध किया जाता है और दुनिया को नए साल की बधाई के साथ लोगों को कई पैगम्बरों के गुणों से रूबरू कराकर एकता, प्रेम और एकता का संदेश दिया जाता है।
वक्ताओं ने नौरोज के महत्व और उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ईरान में यह दिन विशेष रूप से मनाया जाता है और लोगों को नौ वर्ष की बधाई दी जाती है।