अवधनामा संवाददाता
सहारनपुर। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के आदेशानुसार आयोजित राष्ट्रीय पोषण मिशन सप्ताह के अंतर्गत जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें महिलाओं, बच्चों व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को कुपोषण संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूक कर उन्हें राष्ट्रीय पोषण मिशन की योजनाओं का लाभ उठाने को प्रेरित किया। इस दौरान वन स्टॉप सेन्टर का प्राधिकरण सचिव ने औचक निरीक्षण भी किया।
आज ब्लॉक पुवांरका में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ से प्राप्त एक्शन प्लान के अन्तर्गत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष व जनपद न्यायाधीश अश्विनी कुमार त्रिपाठी के निर्देशन में आज प्राधिकरण सचिव श्रीमती सुमिता ने ब्लाक पुवारका विकास खण्ड में छात्राओं, महिलाओं एवं आगनबाडी वर्क्स के साथ राष्ट्रीय पोषण सप्ताह का आयोजन किया, जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती सुमिता ने बताया कि केन्द्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत वर्ष 2022 तक कुपोषण समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है और आंकडो के अनुसार उप्र में कुपोषित बच्चों की संख्या सर्वाधिक है जिसमें कमी लाना आज की जरूरत है। सेहत ही सबसे बड़ी दौलत है। इसके लिये आवश्यक पोषक तत्वों का सेवन करना आवश्यक है। राष्ट्रीय पोषण मिशन मुख्य रूप से बच्चों, गर्भवती महिलाओ एवं दुग्धपान कराने वाली महिलाओं में कुपोषण खत्म करने के लिये है। इस सम्बन्ध में सभी सरकारी योजनाओं को क्रियान्वयन में गति लाने की आवश्यकता है। इस सम्बन्ध में आगनबाडी वर्कस महत्वपूर्ण माध्यम साबित हो सकती है। साथ ही सचिव ने प्रीलिटिगेशन वादों के बाबत भी कानूनी जानकारी दी। शिविर में बीडीओ सुनील मलिक ने भी अपने विचार रखे। सीडीपीओ ललिता शर्मा ने राष्ट्रीय पोषण अभियान के मुख्य घटकों पर बल दिया। उसके बाद मेरे द्वारा सखी वन स्टॉप सेन्टर (एसबीडी हास्पिटल) का औचक निरीक्षण किया गया। जिसमें सखी वन स्टॉप सेन्टर की मैनेजर को निर्देश दिया कि सखी वन स्टॉप सेन्टर का और अधिक प्रचार प्रसार किया जाये ताकि जरूरतमंद महिलाओं को लाभ मिल सकें। सखी वन स्टॉप सेन्टर की मैनेजर द्वारा अवगत कराया गया कि वन स्टॉप सेन्टर में 34 वादों का सुलह द्वारा निस्तारण किया गया।