अवधनामा संवाददाता
आजमगढ़। मेदांता-गुरुग्राम ने तंत्रिका तंत्र से संबंधित रोगों के लिए आजमगढ़ में न्यूरो-केयर ओपीडी का आयोजन किया। इसमें तांत्रिक तंत्र से संबंधित रोगों की जांच कर रोगियों को उचित परामर्श भी दिया गया।ओपीडी का आयोजन श्री साईं बाबा अस्पताल में किया गया। रोगियों के इलाज के लिए मेदांता-गुरुग्राम के डॉ ऋषभ केडिया (मेदांता इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंसेज में एसोसिएट कंसल्टेंट) के नेतृत्व में कई विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम मौजूद थी।
न्यूरो संबंधी बीमारियों के प्रारंभिक लक्षणों में आमतौर पर बोलने में परेशानी, शरीर में अकड़न, कमज़ोर याददाश्त, चलने में परेशानी, शरीर में कंपन, निगलने में कठिनाई आदि पाए जाते हैं। न्यूरो संबंधी अधिकांश बीमारियों का निदान यदि प्रारंभिक अवस्था में किया जाता है तो उसका पूरा उपचार हो सकता है। अगर इलाज समय रहते न किया जाए तो ऐसी समस्याएं डिमेंशिया, अल्जाइमर या पार्किंसंस रोग जैसी बड़ी जटिलताएं पैदा कर सकती हैं।
डॉ केडिया ने न्यूरोलॉजी से 0संबंधित समस्याओं पर बोलते हुए कहा, न्यूरोलॉजिकल समस्याएं आमतौर पर कुपोषण, अनियमित जीवन शैली, अथवा मस्तिष्क व रीढ़ की हड्डी या तंत्रिका में चोटों से उत्पन्न होती हैं और कई बार ये समस्याएं अनुवांशिक भी होती हैं।उन्होंने कहा कि “लोगों को जागरूक करना बहुत जरूरी है जिससे न्यूरो संबंधी रोगों की जल्द से जल्द पहचान की जा सके और समय पर इलाज किया जा सके, यदि इसके इलाज में देरी हो तो इससे रोगी आंशिक या फिर पूरी तरह से लकवाग्रस्त हो सकता है। डॉ केडिया ने कहा कि तांत्रिक तंत्र से संबंधित बीमारियों के लिए उनका जल्द से जल्द इलाज कराना बहुत जरूरी है और इसीलिए ओपीडी के माध्यम से लोगों में न्यूरो संबंधी रोगों के लिए जागरूकता फैलाने के लिए प्रयासरत हैं। न्यूरोलॉजिकल से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए मरीज पर कॉल कर सकते हैं। मेदांता इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंसेज संस्थान में नवीनतम तकनीक, विशेषज्ञों डॉक्टरों की टीम कार्यरत है। इस संस्थान में कई विश्वस्तरीय विशेषज्ञ, न्यूरोलॉजिस्ट, न्यूरोसर्जन, न्यूरो-इंटरवेंशनिस्ट, न्यूरो-एनेस्थेटिस्ट, और क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ और न्यूरोसाइकोलॉजिस्ट और न्यूरोसाइकियाट्रिस्ट की टीम कार्यरत है जिसे ब्रेन ट्यूमर, स्पाइनल डिसऑर्डर को ठीक करने का काफी अनुभव है।