फ़िरोज़ ख़ान देवबंद : मशहूर पुस्तक तिलिस्माती दुनिया के नए अंक में पुस्तक के संपादक रहे प्रसिद्ध रुहानी आलिम व समाजसेवी दिवंगत मौलाना हसन उल हाशमी के जीवन कार्यों को शामिल किया गया है। बुधवार को कार्यक्रम का आयोजन कर पुस्तक के नए अंक का विमोचन किया गया। साथ ही मौलाना हाशमी की रुहानी, इल्मी व समाजी खिदमात को सराहा गया।मोहल्ला खानकाह में ईदगाह के निकट स्थित हाशमी रूहानी मर्कज में आयोजित कार्यक्रम में वरिष्ठ लेखक सय्यद वजाहत शाह ने कहा कि एक सजग प्रबुद्ध विद्धान के तौर पर मौलाना हसन उल हाशमी ने धर्म, इतिहास, साहित्य और समाज सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनसे मेरे पारिवारिक संबंध भी सदा बने रहे।
सय्यद वजाहत शाह ने बताया कि मौलाना हसन उल हाशमी को हकीम उल इस्लाम मौलाना क़ारी तय्यब साहब रह.पूर्व मोहतमिम दारुल उलूम देवबंद से बड़ी अक़ीदत थी।उनके इंतक़ाल के बाद उन्होंने उनकी याद में “इदारा खिदमते ख़ल्क़”की स्थापना कर “क़ासमी बैतूल माल”और “शहरे तय्यब” की योजना पर बड़े स्तर पर कार्ये आरम्भ किया।दुर्भाग्यवश इन दोनों योजनाओं को नाकामी का मुंह देखना पड़ा।मगर इस नाकामी से भी मौलाना की हिम्मत टूटी नही और उन्होंने जदोजहद का दामन नही छोड़ा । 1978 में उन्होंने देवबन्द से उर्दू साप्ताहिक”इज्तमा”का प्रकाशन किया जो 1982 तक निरन्तर प्रकाशित हुआ।1994 में पुनः आपने उर्दू मासिक”तिलस्माती दुनिया”का प्रकाशन आरम्भ किया।जो अपने अनूठे विषय के कारण देश-विदेश में प्रसिद्ध हुई।आज भी इसका प्रकाशन जारी है।
गत 20 वर्षों में “इदारा खिदमते ख़ल्क़”के ज़रिए मौलाना ने किताबत,सिलाई-कढ़ाई सेंटर और इमदादी शिफा खानों का संचालन किया।साथ बड़ी संख्या में ग़रीब, ज़रूरतमंद लोगों की मदद के लिए अपने दरवाज़े हमेशा खुले रक्खे।माह रमज़ान में फ़ूड पैक,लिहाफ,कम्बल कपड़ों का वार्षिक वितरण करते रहे ।दारुल उलूम वक्फ के वरिष्ठ उस्ताद मौलाना नसीम अख्तर शाह कैसर और मौलाना फुजैल नासरी ने कहा कि मौलाना हसनुल हाशमी कलम के बादशाह थे। उन्होंने 27 सालों तक तिलिस्माती दुनिया नामक पुस्तक का प्रकाशन कर बड़ा कारनामा अंजाम दिया है। मुफ्ती आरिफ कासमी ने कहा कि मौलाना हाशमी अपने कलम से सच्चाई लिखते थे और उन्होंने हमेशा गरीबों की आवाज को उठाने का काम किया।
कारी वासिफ ने कहा कि मौलाना हाशमी ने गरीब अवाम को फायदा पहुंचाने की गरज से विभिन्न माध्यमों से अपनी समाजी खिदमात अंजाम दी । दिवंगत मौलाना हाशमी के पुत्र मुफ्ती वकास हाशमी व रबी हाशमी ने सभी का शुक्रिया अदा किया। अध्यक्षता राबता आलमे इस्लामी के सदस्य कारी अबुल हसन आजमी व संचालन मौलवी महमूद ने किया। नसीम अंसारी एड., कारी आसिम, उमर इलाही, आमिर उस्मानी, राशिद कैसर आदि मौजूद रहे।