मुख्तार अंसारी को यूपी शिफ्ट करने के पीछे यह है सरकार की रणनीति

0
120

अवधनामा ब्यूरो

लखनऊ. तमाम अटकलों के बीच माफिया सरगना और विधायक मुख्तार अंसारी बांदा जेल की 15 नम्बर बैरक में शिफ्ट हो गए हैं. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ज़बरदस्त पैरवी के बाद मुख्तार को पंजाब की रोपड़ जेल से यूपी की जेल में शिफ्ट किया है.

मुख्तार अंसारी को यूपी शिफ्ट किये जाने के पीछे सिर्फ एक माफिया की मुश्कें कसने भर का मामला नहीं है. मुख्तार को यहाँ सिर्फ इसलिए लाया गया है कि पूर्वांचल की जिन सीटों पर लम्बे समय से मुख्तार का वर्चस्व रहा है वहां पर कमल खिला दिया जाए.

दरअसल मुख्तार अंसारी की माफिया छवि के बावजूद मऊ और गाजीपुर में राजनैतिक हैसियत भी बहुत शानदार है. लम्बे समय से मुख्तार जेल में हैं लेकिन चुनाव जीतने के लिए उन्हें जद्दोजहद नहीं करनी पड़ती. मुख्तार विधायक हैं और उनके भाई अफजाल अंसारी सांसद हैं.

योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पिछले कुछ महीनों में मुख्तार और उनके करीबियों की संपत्तियों पर जिस ततरह से बुल्डोज़र चलाया है, उसका सीधा सा मकसद मुख्तार के वर्चस्व को तोड़ना है. सरकार जानती है कि मऊ और गाजीपुर से वाराणसी होते हुए इलाहाबाद तक मुख्तार का काफी असर है.

योगी आदित्यनाथ की सरकार को लगता है कि अगर मुख्तार की मुश्कें कस दी जाएं तो बसपा भी उसे टिकट देने में हिचकेगी और तब मुख्तार को हराया जा सकता है. मुख्तार अंसारी को हराना इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी ने मनोज सिन्हा को हराया था. पिछले चुनाव में बीजेपी के साथ ओमप्रकाश राजभर की पार्टी भी थी, इस बार वह भी बीजेपी के मुकाबले खड़े हैं.

यह भी पढ़ें : जॉन हॉपकिन्स की रिसर्च में कोरोना प्रबंधन में यूपी अव्वल

यह भी पढ़ें : ममता बनर्जी ने बीजेपी को चेताया केन्द्र की जनविरोधी सरकार को उखाड़ फेकूंगी

यह भी पढ़ें : झारखंड पुलिस सुअर की तलाश में मार रही है छापे

यह भी पढ़ें : शिकार खेलने गए चार युवकों की मौत

बीजेपी ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ लगातार जो कार्रवाई की है उससे मुख्तार समर्थक बेल्ट में मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण हुआ है. बीजेपी इस ध्रुवीकरण के खिलाफ हिन्दू वोटों के ध्रुवीकरण की कोशिश भी करेगी. मऊ और गाजीपुर में मुख्तार अंसारी की स्थिति बहुत मज़बूत हैं. स्थानीय लोग मुख्तार के साथ खड़े है. बीजेपी की कोशिश है कि मुख्तार के हिन्दू समर्थकों को यह विश्वास दिला दिया जाए कि मुख्तार अब उतने मज़बूत नहीं रहे हैं कि जितने पहले थे.

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here