अवधनामा ब्यूरो
नई दिल्ली. झारखंड में एक गाँव है गुनी. यह राजधानी से करीब तीस किलोमीटर दूर है. इस गाँव में लगभग हर परिवार के सदस्य नशे का शिकार थे. नशे की लत की वजह से गाँव बदहाली का शिकार था. गाँव की महिलाओं की कोशिशों ने इस गाँव की तस्वीर बदल दी है. अब न इस गाँव में कोई शराब की दूकान है, न यहाँ शराब बनती ही है.
खूंटी जिले का गुनी गाँव के नशामुक्त गाँव बनने के बाद यहाँ की तस्वीर पूरी तरह से बदल गई है. इस गाँव में आपको ढूँढने से भी गंदगी नहीं मिलेगी. गाँव में रहने वाली महिलाओं ने साफ़-सफाई के साथ ही यहाँ हरियाली का भी बेहतरीन इंतजाम किया है. गाँव में 108 पेड़ लगाकर हर परिवार को एक पेड़ की ज़िम्मेदारी सौंप दी गई है.
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गाँव की महिलाओं ने नशे के मुद्दे पर अपने खुद के क़ानून तैयार किये हैं. शराब पीने या पिलाने वाले आर्थिक रूप से दण्डित किया जाता है. गाँव के लोगों ने अपनी कड़ी मेहनत के बल पर छह महीने की मेहनत से 14 एकड़ बंजर ज़मीन को खेती के लायक बना दिया है. इस ज़मीन पर महिलायें लेमन ग्रास की खेती करने लगी हैं.
महिलाओं का कहना है कि लेमन ग्रास के ज़रिये ही इस गाँव की आर्थिक सेहत ठीक हो रही है. इससे गाँव के गरीब लोगों की तकदीर भी संवरने लगी है.