अवधनामा ब्यूरो
लखनऊ. राज्य में पर्यटन कारोबार को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार वर्षों से बंद पड़े पर्यटन विभाग के 30 पर्यटन आवास गृहों को लीज पर देगी। सरकार का मानना है कि राज्य के विभिन्न जिलों में बेहतरीन लोकेशन पर बने ये पर्यटन आवास गृह पर्यटन कारोबार से जुड़े निजी क्षेत्र के लोगों को देने से पर्यटन कारोबार में इजाफा होगा।
इन होटलों में तमाम लोगों को रोजगार भी मिलेगा। इसी सोच के तहत सरकार के स्तर से पर्यटन विभाग को इन होटलों को लीज पर देने संबंधी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। जिसके तहत अब पर्यटन विभाग इन पर्यटन आवास गृहों की कीमत आंकने के लिए मूल्यांकन करवा रहा है। जब इन आवास गृहों की कीमत तय हो जाएगी, तब निवेशकर्ताओं से सलाह ली जाएगी और इन पर्यटन आवास गृहों को निजी क्षेत्र को लीज पर देने से संबंधित प्रस्ताव कैबिनेट में भेजा जाएगा।
पर्यटन विभाग के अधिकारिर्यों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, वर्ष 2016 में पर्यटन विभाग के बंद पड़े और घाटे में चल रहे 37 पर्यटन आवास गृहों को लीज पर देने का फैसला अखिलेश सरकार ने लिया था। जिसके तहत 37 पर्यटक आवास गृहों को लीज पर देने के लिए टेंडर निकाला गया था। परन्तु इन पर्यटन आवास गृहों को लेने के लिए तब पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों ने ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। तब उस समय मात्र छह पर्यटन आवास गृह लीज पर लेने के लिए लोग आये थे और टेंडर आदि की प्रक्रिया से गुजरने के बाद छह पर्यटन आवास निजी क्षेत्र को लीज पर दे दिए गए।
जिसमें दुधवा का टाइगर डेन, रामगढ़ ताल-गोरखपुर, देवरिया, मथुरा व महोबा के आवास गृह शामिल थे। जिनमें से अभी दुधवा में टाइगर डेन अच्छा व्यावसाय कर रहा है, वहीं रामगढ़ ताल में डेवलपर वहां मैरिएट होटल बना रहा है। विभाग ने इसे 79 लाख रुपए की लीज पर दिया था जिसमें हर वर्ष पांच फीसदी की बढ़ोत्तरी होगी और पांच साल बाद इसके मुनाफे में विभाग का हिस्सा होगा। मथुरा व महोबा में अभी काम नहीं शुरू हुआ है। देवरिया का पर्यटन आवास गृह भी ठीक से चलने लगा है।
पर्यटन विभाग के लीज पर दिए गए होटलों से अच्छा करोबार होने की रिपोर्ट मिलने पर निजी क्षेत्र पर्यटन कारोबारियों ने पर्यटन विभाग की बंद पड़ी यूनिटों को लीज पर लेने में रूचि दिखाई। तो पर्यटन विभाग ने भी इस दिशा में कदम आगे बढ़ाते हुए 30 पर्यटक आवास गृहों को लीज पर देने की पहल शुरु की। पर्यटन विभाग जिन 30 पर्यटन आवास गृहों को लीज पर देने जा रहा है, उनमें मथुरा, आगरा, सिद्धार्थनगर, मिर्जापुर के आवास गृह भी शामिल हैं।
इन पर्यटन आवास गृहों को लीज पर देने के लिए सरकार से मिली सहमति के बाद पर्यटन विभाग के अफसरों ने विकासकर्ताओं के साथ एक बैठक की है। इस बैठक में पर्यटन कारोबार से जुड़े कारोबारियों ने दिलचस्पी दिखाई है। पर्यटन विभाग अधिकारियों का कहना है कि अयोध्या में मंदिर बनने और प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलने के बाद होटलियर्स आवास गृहों में दिलचस्पी ले रहे हैं। ऐसे में अब पर्यटन आवास गृह को लीज पर देने के लिए पीडब्लूडी से हर पर्यटन आवास गृह की कीमत आंकने के लिए मूल्यांकन करवा रहा है।
मूल्याकन रिपोर्ट के आधार पर हर पर्यटन आवास गृह की न्यूनतम कीमत सरकार तय करेगी। इसके बाद इन पर्यटन आवास गृहों को लीज पर देने की प्रक्रिया शुरु की जाएगी और लीज सर्वोच्च बोली लगाने वाले निवेशक को ही लीज पर दिया जाएगा। यह लीज 30 साल की होगी और इसके बाद संतोषजनक होने पर इसे बढ़ाया जा सकेगा। लीज पर लेने के बाद विकासकर्ता इसे अपने मुताबिक बनवा सकेगा। इन 30 आवास गृहों में ज्यादातर बंद पड़े हैं या फिर घाटे में चल रहे हैं।
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