अवधनामा ब्यूरो
नई दिल्ली. पाकिस्तान के इशारे पर तुर्की से भाड़े के लड़ाके कश्मीर में आकर हिंसा फैला सकते हैं. तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोगन से इस मुद्दे पर पाकिस्तान की बात हुई है. इस सम्बन्ध में ग्रीस की मीडिया ने भारत को आगाह किया है. ग्रीस की मीडिया के मुताबिक़ एर्दोगन के सैन्य सलाहकार ने अमेरिका में सक्रिय एक आतंकी संगठन के चीफ से इस बारे में सम्पर्क किया है.
ग्रीस की वेबसाईट पेंटापोस्टाग्मा के मुताबिक़ तुर्की के भाड़े के लड़ाकों का एक सैन्य संगठन है सादात. यह संगठन कश्मीर में एक्टिव होने की तैयारी में लगा है. पाकिस्तान की शह पर तुर्की का यह कदम खुद उसके भी फायदे के लिए है क्योंकि यह संगठन खुद को मध्य एशिया की बड़ी ताकत के रूप में दिखाना चाहता है.
इस वेबसाईट में यह दावा किया गया है कि तुर्की के राष्ट्रपति ने खुद यह ज़िम्मेदारी सादात को दी है. सादात ने कश्मीर में अपना बेस बनाने के लिए कश्मीर के ही आतंकी सैय्यद गुलाम नबी फई नाम के आतंकी को ज़िम्मेदारी सौंप दी है. गुलाम नबी पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई की मदद से भारत में भाड़े के सैनिकों की भर्ती और टैक्स चोरी मामले में अमेरिका में दो साल की सजा भी काट चुका है.
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गुलाम नबी जमात-ए-इस्लामी का सक्रिय सदस्य है. वह पहले भी कश्मीर के खिलाफ साज़िश रचता रहा है. इसी काम के लिए उसने अमेरिका में काउंसिल ऑफ़ कश्मीर का गठन किया था. इस संगठन को चलाने का ज़िम्मा आईएसआई के पास ही है.
काउंसिल ऑफ़ कश्मीर और सादात मिलकर अब कश्मीर में हिंसा का तांडव करने की तैयारी कर रहे हैं. गुलाम नबी के बारे में यह रिपोर्ट है कि वह सादात के कार्यक्रमों में पहले से ही शिरकत करता रहा है.