अवधनामा ब्यूरो
नई दिल्ली. उधर दिल्ली बार्डर पर किसान आन्दोलन कर रहे हैं और इधर केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में किसानों के लिए एक बड़ी स्कीम ई-नाम का एलान कर दिया है. यह स्कीम किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग की सुविधा उपलब्ध करायेगी. इस प्लेटफार्म से अपनी फसल बेचने के लिए देश के एक करोड़ 68 लाख किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है.
नरेन्द्र मोदी सरकार ने साल 2016 में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल लांच किया था. यह खेती से जुड़े उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर बाज़ार उपलब्ध कराता है.
सरकार ने 18 राज्यों की मंडियों को ऑनलाइन किया है. इन मंडियों के ऑनलाइन हो जाने से एक राज्य का किसान अपनी फसल को दूसरे राज्य में भी बेच सकता है. इस तरह से उसकी आमदनी में इजाफा होगा.
2016 में शुरू हुई इस योजना में एक साल में सिर्फ 17 हज़ार किसान ही जुड़े थे लेकिन धीरे-धीरे किसानों की संख्या इस पर बढ़ने लगी. अब तक एक करोड़ 68 लाख किसान इससे जुड़ चुके हैं. इस योजना में 18 राज्यों की 585 मंडियों को जोड़ा जा चुका है. मोबाइल एप के ज़रिये किसान इससे जुड़ सकते हैं.
सरकार का मानना है कि इस योजना से किसानों को अपनी उपज का सीधा फायदा मिलेगा और बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी. बिचौलियों की भूमिका खत्म होने से एक तरफ किसानों को फायदा होगा तो दूसरी तरफ ग्राहकों को भी कम दाम पर उपज मिल सकेगी.
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आम किसान को ई-नाम का फायदा देने के लिए ऑनलाइन मंडियों को आठ भाषाओं से जोड़ा गया है. किसान ऑनलाइन वेबसाईट www.enam.gov.in पर जाकर अपनी आईडी बना सकते हैं.