लखनऊ (Lucknow) उर्दू सहाफत के बेहतरीन इंसान उर्दू और हिंदी सहाफत को एक प्लेटफार्म पर लाने का कारनामा करने वाले, सामाजिक कार्यकर्ता, इंसानियत के मददगार सैयद वकार मेहंदी रिजवी की दसवें की मजलिस आज संपन्न हुई है। दसवें की मजलिस इमामबाड़ा मेहंदी कच्चा हाता अमीनाबाद में सम्पन्न हुई जिसको मौलाना हैदर अब्बास साहब ने खिताब किया।
सबसे पहले नमाज़ बाजमाअत हुई फिर कुरानखानी का सिलसिला शुरू हुआ। उसके बाद मौलाना ने मजलिस को खिताब किया। अपने बयान में मौलाना ने कहा कि इंसान चला जाता है लेकिन उसकी यादें बाकी रहती हैं। और इंसान खिदमतगुजार हो लोग उसको याद करते हैं।
मौलाना ने कहा के अच्छे इंसान के जाने से लोगों को दर्द बेचैनी का एहसास होता है उसे बर्दाश्त करना बहुत मुश्किल होता है। अगर कर्बला हमारे सामने ना होती तो सब्र करना बहुत मुश्किल होता क्योंकि कर्बला ने ही हमको सब्र करना सिखाया है आखिर में मौलाना ने हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और जनाबे सकीना के मसायब बयान किए।
Also read