Tuesday, April 23, 2024
spot_img
HomeMarqueeईरान पर हमला कर सकता है अमेरिका, जुटा रहा है समर्थन

ईरान पर हमला कर सकता है अमेरिका, जुटा रहा है समर्थन

अमेरिका, सऊदी अरब और खाड़ी के दूसरे सहयोगी देशों के साथ मिल कर सऊदी अरब के तेल संयंत्रों पर हमले का जवाब देने पर बातचीत कर रहा है. इन देशों का आरोप है कि यह हमला ईरान ने किया है.
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पेयो ने इसे सऊदी अरब के खिलाफ जंग की कार्रवाई कहा है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने बुधवार को अपने बयान में थोड़ी सावधानी बरती. उन्होंने कहा कि ईरान को जवाब देने के लिए कई विकल्प हैं. उन्होंने ईरान पर कुछ नए प्रतिबंध लगाने का एलान किया.

सऊदी रिफाइनरी पर 14 सितंबर को हुए हमले में शामिल होने से ईरान इनकार कर रहा है. इस हमले की वजह से सऊदी अरब को तेल का उत्पादन घटा कर आधा करने पर विवश होना पड़ा. अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत भी बढ़ गई.

माइक पॉम्पेयो सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से बात करने बुधवार को जेद्दा पहुंचे. यहां आने से पहले उन्होंने पत्रकारों से कहा, “यह उस स्तर का हमला है जो हमने पहले नहीं देखा. सऊदी देश पर हमला हुआ है. यह उनकी मिट्टी पर हुआ है. यह उनके खिलाफ सीधे तौर पर जंग की कार्रवाई है.”

इधर जर्मन राजधानी बर्लिन में सऊदी अरब के राजदूत ने डॉयचलैंडफुंक रेडियो से कहा है कि सब कुछ सामने है और विकल्पों पर सावधानी से विचार करने की जरूरत है. सऊदी अरब ने इसे हमले को “वैश्विक इच्छाशक्ति की परीक्षा” बताया है. बुधवार को सऊदी अरब ने 25 ईरानी ड्रोन और मिसाइलों के अवशेष दिखाए और कहा कि इन्हें हमले में इस्तेमाल किया गया है. सऊदी अरब ने इन अवशेषों को ईरानी हमले के सबूत के तौर पर पेश किया.

गुरुवार को संयुक्त अरब अमीरात ने अपने सहयोगी सऊदी अरब की राह पर चलते हुए ग्लोबल मैरीटाइम सिक्योरिटी कोएलिशन में शामिल होने का एलान किया. खाड़ी में हुए हाल के कुछ हमलों के बाद अमेरिका इस सहयोग संगठन को खड़ा करने की कोशिश कर रहा है. इन हमलों के आरोप भी ईरान पर हैं.

यमन में ईरान समर्थित हूथी विद्रोहियों का आंदोलन सऊदी नेतृत्व वाली फौज से जंग लड़ रहा है. सऊदी अरब के तेल संयंत्रों पर हुए दो हमलों की जिम्मेदारी भी इन्हीं विद्रोहियों ने ली है. इन संयंत्रों में दुनिया का सबसे बड़ा संयंत्र भी शामिल है. अमेरिका और सऊदी अरब के अधिकारी इन दावों को खारिज कर रहे हैं उनका कहना है कि हमला दक्षिण की तरफ से नहीं हुआ है.

बुधवार को हूथी विद्रोहियों ने कहा कि उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात और मध्यपूर्व के आर्थिक और पर्यटन के लिहाज से अहम दर्जनों ठिकानों की सूची बनाई है जिस पर वो हमला करेंगे. अगर ये हमले सचमुच हुए तो तनाव और बढ़ेगा. कतर समेत आस पास के देशों ने अपने तेल ठिकानों की सुरक्षा बढ़ा दी है.

माइक पॉम्पेयो सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस से मिलने के बाद अबू धाबी के क्राउन प्रिंस से मिलने जा रहे हैं. इस बीच हमले के बाद तेल की कीमतों में आई तेजी अब स्थिर हो गई है, सऊदी अरब ने इस महीने के आखिर तक तेल का फिर से पूरा उत्पादन शुरू करने की बात कही है.

अगर यह साबित हो जाता है कि हमला ईरान ने किया है और यह ईरानी जमीन से किया गया तो सऊदी अरब और अमेरिका के लिए ईरान पर कार्रवाई के लिए दबाव बढ़ जाएगा.

ये दोनों देश इलाके में ईरान के असर को कम करना चाहते हैं. हालांकि ट्रंप ने कहा है कि वह युद्ध नहीं चाहते और खाड़ी और यूरोपीय देशों के साथ सहयोग कर रहे हैं. पॉम्पेयो का कहना है कि अगले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र की आमसभा में इन हमलों पर विशेष ध्यान रहेगा. उनका यह भी कहना है कि सऊदी अरब वहां इस मामले को उठा सकता है.

साभार- डी डब्ल्यू हिन्दी

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img

Most Popular