अवधनामा ब्यूरो
नई दिल्ली. कोरोना महामारी से निबटने में भारत के वैज्ञानिकों ने जिस तरह से मेहनत की, डाक्टरों ने रात दिन एक कर दिया और सरकार ने अस्पतालों में सभी इंतजाम बेहतर इंतजाम में किये. भारतीय वैज्ञानिकों ने कोरोना की वैक्सीन तैयार की तो उसे नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और ब्राजील को भी बगैर पैसा लिए भेजा.
भारत की इस दरियादिली के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी की तारीफ की है. WHO ने कहा धन्यवाद भारत.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेडरोस अदानोम गेब्रेयसस ने भारत और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दोनों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि कोरोना के खिलाफ भारत ने जिस तरह से जंग लड़ी उसने यह बताया कि मुसीबत में अगर हम मिलकर आगे बढ़ें और अपनी जानकारी को साझा करें तो ज़यादा लोगों की जान बचाई जा सकती है, और जानलेवा वायरस को भी जल्दी हराया जा सकता है.
भारत ने ब्राजील को कोरोना वैक्सीन की बीस लाख खुराक भेजी तो ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो ने कोरोना वैक्सीन की तुलना हनुमान जी की संजीवनी से की. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का शुक्रिया भी अदा किया.
भारत ने नेपाल के साथ बेहतर सम्बन्ध न होते हुए भी नेपाल को वैक्सीन भेजी ताकि वहां के लोगों की जान बचाई जा सके. नेपाल वैक्सीन पहुँची तो वहां की सरकार ने भी भारत सरकार का शुक्रिया अदा किया. भारत ने वैक्सीन के डेढ़ लाख डोज़ भूटान भी भेजे हैं. बांगालादेश भी भारत की वैक्सीन पहुँच गई है. बड़ी बात यह है कि भारत ने किसी भी देश से कोरोना वैक्सीन का पैसा नहीं लिया है.