झूठे चुनावी वादों को लेकर हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी

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अवधनामा ब्यूरो

नई दिल्ली. देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की धूम है. मतदाताओं के सामने एक से बढ़कर लुभावने वादे किये जा रहे हैं. इन वादों पर मद्रास हाईकोर्ट ने प्रत्याशियों को फटकारते हुए बड़ी तल्ख टिप्पणी की है.

तमिलनाडु में चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों ने लैपटॉप, हेलीकॉप्टर, रोबोट और आईफोन देने के वादे किये हैं. इन वादों को लेकर मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस एन.किरुवकन और जस्टिस बी.पुगलेंधी ने कहा है कि हालात इतने खराब हैं कि इंजीनियरिंग ग्रेजुएट सफाईकर्मी बनने को तैयार हैं. समाज को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. ऐसे में इस तरह के वादे किये जा रहे हैं.

हाईकोर्ट ने कहा है कि बेहतर होता कि फ्री लैपटॉप, टीवी, पंखे और मिक्सर बांटने की बातें करने वाले अपने घोषणापत्र में पानी, बिजली, स्वास्थ्य, ट्रांसपोर्ट और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं की बात उठाते. यह सुविधाएं तो चुनाव जीतने पर दी भी जा सकती हैं.

हाईकोर्ट ने कहा कि चुनाव में उम्मीदवारों को तर्कसंगत वादे करने चाहिए. वादे ऐसे होने चाहिए जो पूरे किये जा सकते हों. जजों ने कहा कि आजकल चुनाव बिरयानी और शराब के बदले वोट बिकने की कहानी बन गए हैं. ऐसे में चुनाव के बाद उम्मीदवार बात नहीं सुनता है तो मतदाता को भी शिकायत का अधिकार नहीं होता है.

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हाईकोर्ट ने आश्चर्य जताया कि चुनाव में सुधार की बातें करने वाले चुनाव आयोग को बेसिरपैर के यह वादे नज़र ही नहीं आते. ऐसे वादे करने वालों के खिलाफ चुनाव आयोग कोई कार्रवाई करता है और न ही केन्द्र सरकार ही कोई कदम उठाती है. चुनाव में झूठे वादे करने वालों के लिए कोई क़ानून नहीं है, इसी वजह से यह हाल है कि तमिलनाडु में एक उम्मीदवार ने सभी मतदाताओं के खातों में एक-एक करोड़ रुपये ट्रांसफर करने की बात कही है. और उम्मीदवार ने सभी को तीन-तीन मंजिला घर स्वीमिंग पूल के साथ देने का वादा किया है.

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