अवधनामा ब्यूरो
नई दिल्ली. मिस्र की स्वेज नहर में हफ्ते भर से फंसे 400 मीटर लम्बे और 59 मीटर चौड़े मालवाहक जहाज़ को बड़े-बड़े इंजीनियरों की कोशिशें तो फेल हो गईं लेकिन चौदहवीं का चाँद निकला तो जहाज़ ने भी बाहर निकलकर फिर से सफ़र पर निकलने का फैसला किया. जहाज़ का बाहर निकलने का मूड देखकर उत्साहित इंजीनियरों ने भी अपना हाथ लगा दिया और जहाज़ भी फिर निकल पड़ा अपने सफ़र पर.
स्वेज नहर में पिछले मंगलवार को यह जहाज़ फंस गया था. यह जहाज़ एशिया और यूरोप के बीच माल ले जाने में मददगार है. इस नहर से गुजरने वाले जहाज़ों के ज़रिये दुनिया का करीब दस फीसदी व्यापार होता है. जहाज़ फंस जाने से दुनिया के तमाम देशों के जहाज़ बीच नहर में फंस गये. फंसा हुआ जहाज़ 60 फुट पानी के अंदर तक डूबकर फंस गया.
इस जहाज़ को निकालने के लिए इंजीनियरों ने बुलडोजर के ज़रिये नहर के किनारे भी खोदे. बड़ी-बड़ी नावों के ज़रिये भी इसे खींचने की कोशिश की लेकिन हालात काबू में आते नहीं दिखे.
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चौदहवीं का चाँद निकला तो पानी का स्तर करीब डेढ़ फिट बढ़ गया. जहाज़ ऊपर आया तो इंजीनियरों ने फिर से कोशिश शुरू की. इस कोशिश में जहाज़ कुछ ही मिनट में किनारों से आज़ाद हो गया. दरअसल चौदहवीं का चाँद निकलता है तो वह पृथ्वी के सबसे ज्यादा नज़दीक होता है. इससे पानी का गुरुत्वाकर्षण बल बढ़ जाता है.