अवधनामा ब्यूरो
नई दिल्ली. राजस्थान में 25 हज़ार रुपये में खरीदा गया ऊँट सीमा पार कर बांग्लादेश पहुँच जाता है तो उसकी कीमत दो लाख रुपये हो जाती है. रेगिस्तान का जहाज़ देश की सीमा पार कर आठ गुनी कीमत पर बिकता है इसीलिये झारखंड के पाकुड़ में ऊंटों की तस्करी के लिए एक रैकेट काम कर रहा है.
इस रैकेट से यह खुलासा हुआ है कि हरियाणा और राजस्थान में 25 हज़ार रुपये में खरीदा गया ऊँट पश्चिम बंगाल पहुँचते-पहुँचते एक लाख रुपये का हो जाता है लेकिन पश्चिम बंगाल से देश की सीमा पार कर यह बांग्लादेश चला जाता है तो इसकी कीमत दो लाख रुपये मिलती है.
ऊंटों की तस्करी से होने वाला आठ गुने के मुनाफे की वजह से ऊँट तस्कर काफी सक्रिय हैं. हरियाणा और राजस्थान से दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार होते हुए यह ऊँट पश्चिम बंगाल के माल्दा पहुंचाए जा रहे हैं. माल्दा से इन रेगिस्तान के जहाज़ों को मोदी घाट से नाव पर चढ़ाकर बांग्लादेश भेजा जाता है.
वन विभाग ने ऊँट लदे दो ट्रक पकड़े इन ट्रकों में 29 ऊँट पाए गए. ट्रक पर ऊँट ले जा रहे लोगों से सख्ती से पूछताछ हुई तो अधिकारी यह जानकार हैरान हो गए कि ऊंटों की तस्करी के ज़रिये तस्कर ऊंटों की आठ गुना कीमत हासिल कर रहे हैं.
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वन विभाग को इन तस्करों से जानकारी मिली कि राजस्थान से पश्चिम बंगाल तक पहुंचाने में रास्ते में एक ऊँट पर दलालों को पांच से दस हज़ार रुपये दलाली देनी पड़ती है. इस तरह से पश्चिम बंगाल तक पहुँचते-पहुँचते एक ऊँट 35 हज़ार का पड़ता है. पश्चिम बंगाल में यह ऊँट एक लाख रुपये का बिक जाता है. इस तरह से राजस्थान और हरियाणा से पश्चिम बंगाल तक एक ऊँट पर 65 हज़ार रुपये की बचत होती है जबकि पश्चिम बंगाल के माल्दा ले जाने वाले को एक ऊँट पर एक लाख रुपये मिलते हैं.