अवधनामा ब्यूरो
नई दिल्ली. दिल्ली में आक्सीजन संकट का ठीकरा कोर्ट में केन्द्र सरकार ने दिल्ली सरकार पर फोड़ दिया है. सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि दिल्ली सरकार को पर्याप्त आक्सीजन आवंटित की गई लेकिन दूसरे राज्यों की तरह से दिल्ली सरकार भी प्लांट से आक्सीजन मंगवाने के लिए टैंक की व्यवस्था करने में नाकाम रही. उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर हमने खुद दिल्ली के मुख्य सचिव से बात की थी.
सालिसिटर जनरल ने दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार पर इल्जाम लगाया कि वह न टैंकरों का इंतजाम कर पाई और न ही आक्सीजन आपूर्ति के लिए ठीक से प्रबंधन ही कर पाई.
दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार से कोरोना जांच के केन्द्र बढ़ाने के लिए कहा है. चीफ जस्टिस डी.एन. पटेल और जस्टिस जसमीत सिंह ने सरकार से कहा की कोविड नमूने इकठ्ठा करने की प्रक्रिया सुव्यवस्थित की जाए. दरअसल हाईकोर्ट को कई वकीलों ने बताया कि उन्हें जांच कराने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वकीलों ने अदालत को बताया कि पहले एक लाख जांच रोज़ हो रही थीं लेकिन अब 60 हज़ार जांच ही रोजाना हो पा रही हैं.
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हाईकोर्ट ने सरकार से कहा कि कोविड लक्षण वाले मरीजों को तत्काल भर्ती किया जाए. उनसे पॉजिटिव रिपोर्ट मांगने की ज़िद न की जाए. ऐसे मरीजों को संदिग्ध मानकर अलग स्थान पर भर्ती किया जाए. उनकी जांच कराई जाए. रिपोर्ट आने के बाद उन्हें कहाँ भेजना है इसका फैसला किया जाए.