अवधनामा ब्यूरो
लखनऊ. जमाना कम्प्टीशन यानी प्रतियोगिता का है. पढ़ाई, टेक्निकल कोर्सेज़ और नौकरियों के लिए आज के दौर के तगड़े कम्प्टीशन में जरा सा आप ढीले हुए नहीं कि दौड़ से बाहर. बाल संग्रहालय लान चारबाग में चल रहे लखनऊ पुस्तक मेले में ऐसी ही परीक्षाओं में कामयाब बनाने वाली ढेरों किताबें हैं.
शिक्षिका डॉ. नीतू शर्मा बताती हैं कि प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य ज्ञान के प्रश्न बहुत बदल गये हैं तो रीज़निंग की शैली में भी परिवर्तन हुआ है. बदले तौर तरीके जानने के लिए किताबें सबसे अच्छा माध्यम हैं.
ओसवाल गुरुकुल के स्टाल पर नीट, जेईई जैसी कई प्रतियोगी परीक्षाओं में काम आने वाली और अंग्रेजी, इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, सामान्य विज्ञान के वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की किताबें है तो नवीं से बारहवीं तक के सभी विषयों की सहायक पुस्तकें हैं.
प्रकाशन विभाग के स्टाल पर इतिहास, कला संस्कृति व व्यक्तित्व, भाषण व व्याख्यानों से जुड़ी किताबें प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ ही शोध छात्रों के लिए उपयोगी हैं. सुल्तानचन्द के स्टाल पर अर्थ व्यवस्था, निवेश, प्रबंधन, व्यवसाय, गणित इत्यादि की स्तरीय पुस्तकें हैं. मेले में नवीं से बारहवीं तक नवयुवाओं के लिए हर सब्जेक्ट की पाठ्यक्रम सामग्री सीडी और पेनड्राइव में मिल रही है.
पहली से लेकर नौ तक के विषय भी ऐसे ही आडियो-विजुअल फार्मेट में उपलब्ध हैं. आर्यन बुक्स में सिंघानिया की भारतीय कला संस्कृति सिविल परीक्षाओं को ध्यान में रखकर ही तैयार की गई है. अन्य स्टालों पर भी प्रतियोगी परीक्षाओं में काम आने वाली किताबें मिल जाएंगी.
निदेशक आकर्ष चंदेल ने बताया कि मेले में विविध जागरूकता कार्यक्रम भी चल रहे हैं. मंचीय गतिविधियों के अलावा ज्योति किरन रतन के संयोजन मे आनलाइन गतिविधियां भी चल रही हैं. कुटीर उद्योगों से सम्बंधित वीडियो प्रोजेक्ट और नुक्कड़ नाटकों की प्रविष्टियां आई हैं.
मेले के आप्टीकुम्भ के सम्पूर्ण नेत्र जांच शिविर में लोगों को नेत्र जांच की विभिन्न जानकारियां देने के साथ आटो रिफ्लेक्टोमीटर, लेंसोमीटर व स्लिट लैम्प इत्यादि अत्याधुनिक मशीनों से नेत्र परीक्षण हो रहा है.
मेले का प्रथम सत्र आज लेखिका अनुराधा गोयल के नाम रहा. एथलीट अनामिका वत्स ने अपने वक्तव्य में कहा कि लगातार कोशिश करिये और चीजों को दिमाग पर हावी न होने दीजिए. जीतेश श्रीवास्तव के संचालन में चल रहे विश्वम महोत्सव में आज नारी शिक्षा निकेतन पीजी कालेज ने नशे पर और अमीरुद्दौला इस्लामिया डिग्री कालेज के छात्र-छात्राओं ने तबस्सुम खान के संयोजन में महिला अत्याचार के खिलाफ नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया. साथ ही कृष्णादेवी गर्ल्स कालेज व स्कूल आफ मैनेजमेण्ट एण्ड सांइसेज़ के युवाओं ने कार्यक्रम पेश किये.
लेखक हमारे बीच कार्यक्रम में आलोचक वीरेन्द्र यादव ने वर्तमान लेखकीय परिदृश्य को रखा तो प्रसिद्ध कथाकार उपन्यासकार अखिलेश अपने रचनाकर्म, पीड़ाओं और संवेदनाओं को लेकर पुस्तक प्रेमियों के बीच थे. संचालन का दायित्व आलोक पराड़कर ने कुशलता से सम्भाला. प्रहर्ष फाउण्डेशन के कवि सम्मेलन में सामयिक विषयों पर काव्य रचनाएं सामने आईं.
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लखनऊ बुक फेयर 2021 के एसोसिएट्स प्रसार भारती-आकाशवाणी, रेडियो सिटी, मोतीलाल मेमोरियल सोसाइटी, विजय स्टूडियो, ऑर्गेनिक इंडिया, किरण फाउण्डेशन, ज्वाइन हैण्ड्स फाउण्डेशन, ऑरिजिंस, सेफ एक्सप्रेस, विश्वम फाउण्डेशन, जकसन, समाग्रा, स्टार टेक्नोलॉजीज, चोकामोर हैं.