अवधनामा ब्यूरो
नई दिल्ली. भारत में चल रहे किसान आन्दोलन की हिमायत करने पर पर्यावरण एक्टीविस्ट ग्रेटा थनबर्ग पर दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के बाद ग्रेटा ने एक बार फिर ट्वीट करते हुए कहा है कि मैं किसानों के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के साथ हूँ. कोई भी नफरत और धमकी इसे बदल नहीं सकती. उधर किसान नेता राकेश टिकैत ने विदेशी कलाकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से मिल रहे समर्थन पर कहा है कि इन विदेशियों को मैं जानता भी नहीं हूँ लेकिन अगर कोई किसानों के समर्थन में आ रहा है तो उसका स्वागत है.
उल्लेखनीय है कि स्वीडन की रहने वाली सामाजिक कार्यकर्त्ता ग्रेटा तीन जनवरी 2003 को पैदा हुई हैं. उनकी माँ गायिका और पिता एक्टर हैं. साल 2018 ग्रेटा जब नवीन क्लास में पढ़ती थीं तभी उन्होंने बतौर सामाजिक कार्यकर्त्ता काम शुरू कर दिया था. ग्रेटा ने ही पेरिस एग्रीमेंट के अनुसार स्वीडिश सरकार से कार्बन उत्सर्जन कम करने की मांग की थी.
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ग्रेटा का पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वालों के बीच काफी सम्मान है. ग्रेटा ने किसान आन्दोलन को अपना समर्थन दिया तो दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ धारा 153 A और 120 B के तहत मुकदमा दर्ज करवा दिया. ग्रेटा को जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने एक और ट्वीट से जवाब देते हुए कहा कि वह किसानों के साथ हैं और किसी भी धमकी से डरने वाली नहीं हैं.
ग्रेटा ने अपने दूसरे ट्वीट में एक ऐसा डाक्यूमेंट भी शेयर किया है जिसमें भारत सरकार पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव बनाने की कार्ययोजना साझा की गई थी.