7 सितंबर को भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव

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BRIJENDRA BAHADUR MAURYA————-

आम आदमी के लिए दरवाजे खोले सीएसआईआर ने सीएसआईआर-आईआईटीआर में साइंस एंड टैक्नोलॉजी समारोह का आयोजन

लखनऊ। सीएसआईआर-भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान में सोमवार को प्रेस और मीडिया लोगों के साथ एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित हुआ। यह सम्मेलन मुख्य रूप से दो आगामी घटनाओं पर केंद्रित है। सीएसआईआर प्लेटिनम जुबली टेक्नोफेस्ट (5-7 सितंबर) और  भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2017 के अंतर्गत 7 सितंबर, 2017 को सीएसआईआर-आईआईटीआर में आयोजित होने वाले खुले दिन और आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। सीएसआईआर प्लैटिनम जुबली टेक्नोफेस्ट का आयोजन लखनऊ स्थित सीएसआईआर प्रयोगशालाओं सीएसआईआर-भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान, सीएसआईआर-राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, सीएसआईआर-केन्द्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान और सीएसआईआर- केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान द्वारा सीआईएसआईआर-आईआईटीआर में 5-7 सितंबर, 2017 से किया जा रहा है। सीएसआईआर द्वारा विभिन्न विषयों (एरोस्पेस एंड स्ट्रैटेजिक सेक्टर, इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर, खनन, खनिज और सामग्री, रसायन एवं पेट्रोकेमिकल्स, ऊर्जा, पारिस्थितिकी और पर्यावरण, चमड़ा, जल, कृषि और पुष्पोत्पादन, खाद्य एवं पोषण, हेल्थकेयर, जेनरिक, सीएसआईआर सोशल
इंटरवेंशन इत्यादि) पर विकसित टेक्नोलॉजीज इस प्रदर्शिनी में प्रदर्शित किए जाएंगे। इस अवसर पर सीएसआईआर-आईआईटीआर विभा (VIBHA) के साथ 7 सितंबर, 2017 को भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2017 और एक खुले दिन के आउटरीच कार्यक्रम की मेजबानी करेगा। इस अवसर पर विभिन्न वर्गों जैसे विज्ञान छात्र, विज्ञान शिक्षक, जमीनी स्तर नवप्रवर्तनकर्ता, विज्ञान पत्रकारों और गैर-सरकारी संगठनों में विज्ञान और समाज के उत्कृष्ट योगदानकर्ताओं को सम्मानित किया जाएगा।

इस अवसर पर सीएसआईआर-आईआईटीआर के निदेशक, प्रोफेसर डॉ॰ आलोक धावन, सीएसआईआर-एनबीआरआई के निदेशक प्रोफेसर एस के बारिक, सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के वैज्ञानिक और विज्ञान भारती के सदस्य उपस्थित थे। प्रोफेसर आलोक धावन ने प्रेस और मीडिया के लोगों का स्वागत किया और इन दोनो घटनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 75 सालों में सीएसआईआर ने कई तकनीकों को विकसित किया है जो वर्तमान में जनता तक पहुंच चुकी है लेकिन अभी भी इस विषय में जागरूकता और सीएसआईआर का योगदान पहचानने की आवश्यकता है। सीएसआईआर-एनबीआरआई के निदेशक, प्रोफेसर एस के बारिक ने कहा कि यह कार्यक्रम आम जनता को वैज्ञानिकों से जोड़ता है और नई प्रौद्योगिकी विकास और कौशल विकास के लिए
अवसर प्रदान करता है। दोनों ही कार्यक्रम सभी के लिए खुले हैं और सभी इस अवसर पर आमंत्रित हैं विशेषकर स्कूलों और कॉलेजों के छात्र, उनके शिक्षक एवं माता-पिता, शोधकर्ता, उद्यमी और सामान्य जनता। सभी के लिए प्रवेश निशुल्क है।

https://www.youtube.com/watch?v=kMFCjzj29nE&t=1s


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