BRIJENDRA BAHADUR MAURYA——
बार के सदस्यों का बीमा कराएगी ए.ऍफ़.टी. बार एसोसिएशन: डा.चेत नारायण सिंह.
ए.ऍफ़.टी. बार एसोसिएशन, लखनऊ के अध्यक्ष डा. चेत नारायण सिंह ने कहा कि हमारी बार उन सभी बिन्दुओं पर गम्भीरता से कार्य कर रही है जिसका सम्बन्ध बार के अधिवक्ता सदस्यों की सुरक्षा से है, बार-बेंच के सहयोग को स्वस्थ तरीके से विकसित करना है तो एक सुरक्षित अधिवक्ता-समाज के सृजन पर बल देना होगा, हम देख रहे है कि अधिवक्ता हितों की उपेक्षा प्रत्येक बार की कार्यशैली में समाहित हो चुका है जबकि, बार के सम्पूर्ण-वित्त पर अधिवक्ता का अधिकार है लेकिन, उनकी सुरक्षा को लेकर आंतरिक नीतियों का निर्माण ही नहीं किया जाता है, जिसका सीधा प्रभाव समाज पर पड़ता है चूँकि हमारी बार सेना से सम्बन्धित न्यायिक-प्रक्रिया में सहयोग करती है इसलिए सैन्य-कर्मी इससे प्रभावित होते है, हमारी बार डिजिटल और वाई-फाई जैसी सुविधाओं को अपनाने में अग्रणी रही ऐसे में अधिवक्ताओं के जीवन को सुरक्षित करने का हमारा नैतिक दायित्व बनता है, हम अपनी बार के सभी सदस्यों का करीब पांच लाख रूपये का दुर्घटना-बीमा और जीवन-बीमा करवाने के तरफ कदम बढ़ा चुके है और, इस पर कार्य करने की जिम्मेदारी जनरल सेक्रेटरी को दे दी गयी है, भविष्य में आवश्यकता महसूस होने पर इसे बढ़ा दिया जाएगा. बार के जनरल सेक्रेटरी विजय कुमार पाण्डेय ने कहा कि अधिवक्ता के समक्ष असुरक्षित-जीवन की चिंता सर्वाधिक विहंगम विषय है जिसका सीधा प्रभाव हमारी न्यायिक कार्य-प्रणाली पर पड़ता है जिससे, समाज के ‘अंतिम-आदमी’ पर पड़ता है, ऐसे में हम कैसे इस विषय को नजरंदाज कर सकते है हम सभी बारों से अपील करते है है वे भी ‘सुरक्षित-अधिवक्ता’ नीति के तहत इस विषय पर आगे बढ़े जिसका प्रभाव बहुत व्यापक है क्योंकि, बारों के उपेक्षित व्यवहार से अधिवक्ता समाज में एक निराशा का भाव जन्म ले रहा है, जो किसी भी रूप में उचित नहीं है, बार के वरिष्ठ-अधिवक्ता और पूर्व जनरल सेक्रेटरी डी.एस.तिवारी ने कहा कि इस विषय पर त्वरित-गति से कार्य करने की आवश्यकता है क्योकि, वर्तमान युग में अधिवक्ता असुरक्षित-जीवन रहा है उसके लिए किसी भी स्तर पर किसी प्रकार की ठोस निति का अभाव है, हम इसे लागू करके लोगों को भी प्रेरित कर सकेंगे. बार के संयुक्त-सचिव पंकज कुमार शुक्ला ने कहा कि समय के अनुकूल कदम उठाना बेहद जरूरी है, युवा अधिवक्ता रोहित कुमार ने ‘सुरक्षा’ को ‘निश्चिंत’ जीवन का विषय बताया और अविलम्ब पूरा करने की बात कही और अपनी जिम्मेदारी को निभाने का आश्वासन भी किया, वायु सेना मामलों के विशेषज्ञ शैलेन्द्र कुमार सिंह ने हरहालत में इसे पूरा करने को कहा, पूर्व-कोषाध्यक्ष आर.चन्द्रा ने सराहनीय कदम कहा और सैन्य मामलों के विशेषज्ञ कमल कुमार बिष्ट ने रानीखेत (उत्तराखण्ड) से दूरभाष पर ख़ुशी का इजहार और तुरंत इसको पूरा करने के बात कही मौके पर बार के पूर्व अध्यक्ष आलोक माथुर, संविधान विशेषज्ञ सुनील शर्मा, कानून विशेषज्ञ मुकुंद तिवारी, बेबाक सदस्य कौशिक चटर्जी,यशपाल सिंह, राजीव सिंह, वी.पी.एस.वत्स, डा.सी.एन.सिंह, भानु प्रताप सिंह, विशाल भटनागर, अनुराग मिश्रा, पारिजात बेलोरा, श्रीमती कविता मिश्रा, सुश्री कविता सिंह, वी.पी.पाण्डेय ‘वायु-सेना विशेषज्ञ, डी.के.पाण्डेय. वरिष्ठ अधिवक्ता ललित कुमार, अमित जायसवाल, डा.आशीष अस्थाना ‘सैन्य-रंग-मंच विधा विशेषज्ञ’ आशीष कुमार सिंह, सूर्य भान सिंह, जे.एन.राय, सुश्री हेमलता, आर.एन.त्रिपाठी, आर.के.सिंह. इशराक फारुकी, के.के.एस.बिस्ट एवं आर.डी.सिंह इत्यादि अधिवक्ताओं ने इस कदम को स्वागत-योग्य बताया और पूर्ण सहयोग का आश्वासन भी दिया.