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बजट 2017: बदलते हुए भारत के लिये ये क्रांतिकारी बजट, इसका मुख्य लक्ष्य किसान, गरीबों का कल्याण : विधायक ओम प्रकाश शर्मा
पूर्वी दिल्ली | भाजपा के जनप्रिय विधायक श्री ओमप्रकाश शर्मा ने कहा की बजट 2018 यह एक गरीब समर्थक और बदलते हुए भारत के लिये ये क्रांतिकारी बजट है, इसका मुख्य लक्ष्य किसान,गरीबों का कल्याण विकास उन्मुख बजट है । इस बजट में आधारभूत ढांचे, रोजगार, आवास, किसानों, ग्रामीण इलाकों और नौजवानों पर जोर दिया है आधुनिक भारत के निर्माण में यह बजट मील का पत्थर साबित होगा। किसानों का 60 दिन का ब्याज माफ हो गया है। फसल बीमा योजना में कवरेज को 40 फीसदी बढ़ाया गया है। किसानों के लिए 10 लाख करोड़ के क्रेडिट का प्रावधान किया गया है। इसके परिणामस्वरूप अब 40 फीसदी किसानों को कोऑपरेटिव सोसायटीज से क्रेडिट मिलेगा। किसानों की आय को दोगुना करने के लिए इस बजट का फोकस कृषि विपणन सुधारों पर है किसानों की पैदावार बढ़ाने के लिए और कदम उठाए गये हैं । मृदा स्वास्थ्य कार्ड्स जारी किए जाने को और गति देने के लिए कृषि विज्ञान केंद्रों में लघु प्रयोगशाला बनाने का प्रावधान किया है ताकि किसान वहां जाकर अपनी खेती की जमीन की मिट्टी का टेस्ट कर सकें। पर ड्रॉप-मोर क्रॉप को भी बढ़ावा दिया गया है। इसके अलावा बजट में माइक्रो सिंचाई फंड के लिए शुरुआती 5000 करोड़ रुपये का फंड, डेयरी उद्योग के विकास के लिए नाबर्ड के जरिये 8,000 करोड़ रुपए के ‘डेयरी प्रोसेसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड’ का इंतजाम किया गया है दुग्धध पैदावार के लिए 300 करोड़ का शुरुआती फंड तथा एक करोड़ परिवारों के लिए मिशन अंत्योकदय का प्रावधान किया गया है
इसके साथ -साथ स्वच्छ भारत मिशन में खासी प्रगति हुई है गामीण इलाकों में अब 60 फीसदी सफ़ाई प्रबंध का प्रावधान किया गया है। किसानों की भूमि अधिग्रहण से आय को टैक्स से मुक्त रखा जाएगा । मार्च 2018 तक सभी गावों में बिजली पहुंचाई जाएगी। मनरेगा में आवंटन से ज्या्दा खर्च किया गया। मनरेगा में इस साल भी 5 लाख तालाब का लक्ष्य रखा गया है
इस बजट में सार्वभौमिक पहुँच, लैंगिक समानता और गुणवत्ता में सुधार सुनिश्चित करने के लिए माध्यमिक शिक्षा के लिए एक अभिनव कोष बनाने का प्रस्ताव है। स्कूलों में विज्ञान की शिक्षा पर जोर दिया गया है। दीन दयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत 4818 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है 350 ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की शुरुआत होगी। स्किल इंडिया के लिए 1000 कौशल केंद्र खोले जाएंगे, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान और मेडिकल परीक्षाओं के लिए अलग से बॉडी बनेगी। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी बनाने का प्रस्ताव इस बजट में है। उच्च शिक्षा में सुधार के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग में सुधार होगा। अच्छी गुणवत्ता संस्थानों में अधिक से अधिक प्रशासनिक और शैक्षणिक स्वायत्तता के लिए प्रावधान किया गया है अब सीबीएसई प्रवेश परीक्षा नहीं लेगी।
यह बजट इस तथ्य को स्वीकार करता है कि समांवेशी विकास लड़कियों और महिलाओं के साथ शुरू होता है समांवेशी विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महिला सशक्तिकरण की दिशा में भारी मात्रा में निवेश किया गया। महिलाओं को सस्ता लोन देने के लिए नेशनल हाउसिंग बैंक को 20,000 करोड़ की राशि दी जाएगी और सस्ते घर उपलब्ध कराए जाएंगे। महिला और बाल कल्याण के लिए 1.84 लाख करोड़ रुपए का प्रोविजन किया गया है। इसके अंर्तगत सरकार ग्रामीण स्तर पर 14 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों में महिला शक्ति केंद्र स्थापित करेगी। गांवों में महिला शक्ति केन्द्रों की स्थापना के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इससे रोजगार, कौशल विकास, डिजिटल साक्षरता, स्वास्थ्य और पोषण के अवसर उपलब्ध कराकर ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण में मदद मिलेगी’। गर्भवती महिलाओं के बैंक खातों में 6,000 रुपये सीधे जमा किए जाएंगे।
राजनीतिक अनुदान के रूप में बड़े पैमाने पर सुधार किया गया है। अब सभी राजनीतिक पार्टियां एक व्यक्ति से कैश में सिर्फ 2000 रुपए तक ही ले सकती हैं। 2000 से ज्यादा के चंदे का हिसाब देना होगा, यानी राजनीतिक दल 2000 से अधिक चंदा ऑनलाइन या चेक के तौर पर ही ले सकते हैं। इससे पहले राजनीतिक दलों को अपनी आय में से 20 हजार से कम के चंदे को घोषित करने से छूट मिली हुई थी |
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