Saturday, April 20, 2024
spot_img
HomeMarqueeपुराने नोट अब इस्तेमाल होंगे चुनाव प्रचार में देखें पूरी खबर

पुराने नोट अब इस्तेमाल होंगे चुनाव प्रचार में देखें पूरी खबर

डाउनलोड करे AVADHNAMA NEWS APP

join us-9918956492————–

पिछले साल हुई नोटबंदी के दौरान 500 और 1000 रुपये के करोड़ों नोट बंद हुए. सर्कुलेशन से बाहर हो जाने के बाद इन्हें ठिकाने लगाना भारत सरकार के लिए एक चुनौती बन गई थी.

अब भारतीय रिजर्व बैंक को इनका निपटारा करने का रास्ता मिल गया है. ये नोट अब भारत में न तो सर्कुलेशन में हैं और न ही इनका यहां किसी और रूप में इस्तेमाल होगा. इनका इस्तेमाल अब साउथ अफ्रीका करेगा और वो भी चुनाव प्रचार में.

दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक 500 और 1000 रुपये के इन पुराने नोटों को जलाकर नष्ट करने को लेकर भी विचार कर रहा था, लेकिन ऐसा करना पर्यावरण के लिए हानिकारक था. इसके बाद आरबीआई और वेस्टर्न इंडिया प्लायवुड्स (WPI) के बीच हुई डील ने इसका समाधान ढूंढ लिया.

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक केरल से भारत में अपना कारोबार करने वाली डब्लूपीआई के साथ आरबीआई ने इन नोटों का निपटारा करने के लिए बातचीत की.

 कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि आरबीआई को पता नहीं था कि वह इन नोटों का क्या करे. इन्हें जलाया जाता, तो इससे काफी ज्यादा प्रदूषण होता, क्योंकि नोट खास पेपर से बनते हैं. ऐसे में हमने आरबीआई से कुछ नमूने मांगे और उन पर टेस्ट  किए.

 उन्होंने बताया कि टेस्ट के दौरान हमने इन नोटों को काफी ज्यादा तापमान पर पकाया और इनसे लुगदी तैयार की. अधिकारी ने बताया कि इस लुगदी से हार्ड बोर्ड्स बनाए जाएंगे. इन बोर्ड्स  का इस्तेमाल साउथ अफ्रीका में कार्ड  बोर्ड  और प्लैकार्ड्स के तौर पर किया जाएगा.

 रिपोर्ट के मुताबिक साउथ अफ्रीका में 2019 में होने वाले चुनावों में 500 और 1000 रुपये के नोटों से तैयार किए गए कार्डबोर्ड्स का इस्तेमाल यहां चुनाव प्रचार में किया जाएगा.

 अधिकारी ने बताया कि इन नोटों को पहले उच्च तापमान पर पकाकर इनकी लुगदी (pulp) तैयार की जाती है. फिर इस लुगदी को एक विशेष मशीन में डालकर भाप के जरिये इसे कड़ा कर दिया जाता है.

 कड़ा करने के बाद इसे लकड़ी की लुगदी में मिलाया जाता है और इससे हार्डबोर्ड्स तैयार किए जाते हैं. उन्होंने बताया कि दक्ष‍िण अफ्रीका में कई एक्सपोर्टर हैं, जो हार्डबोर्ड्स की मांग करते हैं और चुनाव प्रचार में इनका बखूबी इस्तेमाल होता है.

 अधिकारी के मुताबिक नोटबंदी के बाद से लेकर अब तक कंपनी के पास 750 टन पुराने नोट पहुंच चुके हैं. कंपनी एक नोट टन के लिए आरबीआई को 128 रुपये चुका रही है.
वह कहते हैं कि यहां भारत में ही कुछ दुकानदार इन्हें लोगों को ऊंचे दामों पर बेच रहे हैं, लेकिन उन्हें पता नहीं है क‍ि वे कभी उनकी जेब में पड़े रहने वाले करारे नोटों का कार्डबोर्ड इस्तेमाल कर रहे हैं.
————————————————————————————————————
अवधनामा के साथ आप भी रहे अपडेट हमे लाइक करे फेसबुक पर और फॉलो करे ट्विटर पर साथ ही हमारे वीडियो के लिए यूट्यूब पर हमारा चैनल avadhnama सब्स्क्राइब करना न भूले अपना सुझाव हमे नीचे कमेंट बॉक्स में दे सकते है|
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img

Most Popular