Friday, April 19, 2024
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निजीकरण कैबिनेट में नहीं जनता द्वारा पास करवाना चाहिए- सुनील प्रकाश पाल

निजीकरण कैबिनेट में नहीं जनता द्वारा पास करवाना चाहिए- सुनील प्रकाश पाल
लखनऊ, उत्तर प्रदेश द्वारा राज्य के 5 महानगरों को निजीकरण करने की कोशिशों के खिलाफ प्रदेश भर के अभियन्ता एवं कर्मचारी लामबंद हो गए हैं, शक्ति भवन पर आयोजित एक दिवसीय कार्य बहिष्कार में विभाग के ज्यादातर संगठनों नें इस मौके पर मंच साझा किया तथा केन्द्रीय पदाधिकारीगण साथ-साथ नजर आए।
विद्युत कार्यालय सहायक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुनील प्रकाश पाल ने शक्ति भवन पर सम्बोधित करते हुए कहा कि सर्वाधिक राजस्व एवं न्यूनतम हानियों वाले पांच महानगरों का व्यवसायीकरण करने से पूर्व सरकार द्वारा निष्पक्ष सर्वे के माध्यम से इन पांच शहरों की जनता से राय ली जानी चाहिए थी तथा पूर्व में निजी हाथों में सौंपे जा चुके शहरों यथा आगरा के उपभोक्ताओं से प्रतिपुष्टि करने के उपरान्त ही उपभोक्ता हित में कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया जाना चाहिए था। जिस तरह जल्दबाजी और गुपचुप तरीके से निजीकरण पर फैसला लिया गया है उससे सरकार की मंशा पर शक जाता है। विद्युत सेवा पर सरकार अपनी नीति से हटती हुई नजर आ रही है, पूंजीपतियों को बढ़ावा देने के लिए, फायदे का निजीकरण और नुकसान का राष्ट्रीयकरण किया जा रहा है। प्रदेश अध्यक्ष ने जनता को निजीकरण से होने वाले नुकसान के बारे में भी बताया उन्होंने कहा आज के वर्तमान परिवेश में बिजली लोगों के लिए दिनचर्या की आवश्यक वस्तु हो चुकी है जिसे सस्ते दरों पर उपलब्ध करना सरकार का दायित्व है। आगरा इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है जहां पर सरकार द्वारा सस्ती बिजली उपलब्ध कराई जाती है परन्तु निजी कम्पनी उपभोक्ताओं को मंहगी दरों पर बेचती है और उसके बावजूद भी निजी कम्पनी 600 करोड़ से अधिक का घाटा दिखा रही है जबकि कानपुर विद्युत आपूर्ति का जिम्मा कारपोरेशन के हाथ में है और वह फायदे में है। मात्र राजधानी स्थित सरकारी विभागों पर 280 करोड़ से अधिक रकम बकाया है, यदि निजीकरण के स्थान पर मंत्रिमण्डल ने पूरे उत्तर प्रदेश के सरकारी विभागों को रकम चुकाने हेतु कैबिनेट में प्रस्ताव पास किया होता तो विभाग घाटे से ऊबर जाता है और जनता में भी सकारात्मक संदेश जाता।
ऽ सरकार से सस्ती बिजली लेकर उपभोक्ताओं को महंगी दरों पर बेचा जाएगा
ऽ प्रत्येक सेवा के बदले शुल्क देय (एस0एम0एस0, हेल्प लाइन इत्यादि)
ऽ समस्त प्रकार की छूट योजनाएं समाप्त
ऽ गरीब परिवारों को सब्सिटी बन्द
ऽ इनर्जी मीटर मंहगे, किश्तों में भुगतान बन्द
ऽ फिक्स चार्ज के अतिरिक्त न्यूनतम चार्ज भी लगेगा
प्रदेश संगठन मंत्री आशीष त्रिपाठी ने कहा कि प्रबन्धन अपनी अक्षमता छिपाने और निजी कम्पनियों को गलत तरीके से फायदा पहुंचाने के लिए इन शहरों की विद्युत आपूर्ति का काम निजी कम्पनी को दे रही है। प्रदेश कोषाध्यक्ष आशीष कुमार ने कहा कि उद्योगपतियों ने सरकार को भ्रमित किया है परन्तु हम उन्हें सही मार्ग पर लाएंगे और किसी भी कीमत निजीकरण नहीं होनें देंगे। प्रदेश सह महामंत्री अशोक कुमार एवं मीडिया प्रभारी राजेन्द्र विक्रम, अतेन्द्र कुमार ने कहा इस निजीकरण से आम जनता को भारी नुकसान तो होगा ही वहीं निजी कम्पनियों अंकुश नहीं होने से भारी परेशानियों का सामना भी करना पड़ेगा।
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