जाधव को सुरक्षित न ला पाना भारत सरकार के लिए परीक्षा की घडी: विजय कुमार पाण्डेय
कुलभूषण जाधव को फांसी देने की पाकिस्तान की जिद्द भारत की अस्मिता को चुनौती देने जैसा मामला:डी.एस.तिवारी
ए.ऍफ़.टी बार एसोसिएशन, लखनऊ की अनौपचारिक आपात मीटिंग बार के जनरल सेक्रेटरी विजय कुमार पाण्डेय ने रिटायर्ड नौ-सेना अधिकारी श्री कुलभूषण के मामले ने आहूत की जिसमे, इस विषय पर चर्चा की गयी कि अंतररष्ट्रीय न्यायालय में भारत द्वारा कुलभूषण का जोरदार पक्ष रखने के बावजूद पाकिस्तान अपनी मनमानी पर अडियल रुख अपनाये हुए है ऐसे में हमारी बार को किस प्रकार की रणनीति तैयार करनी चाहिए क्योकि हमारी बार सीधे देश के सैनिको भूतपूर्व-सैनकों से सम्बन्ध रखती है और उनकी आवश्यकताओं और समस्यायों से सीधे सरोकार रखती है.
वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व जनरल सेक्रेटरी ने कहा कि पाकिस्तान एक तरफ तो अन्तर्रष्ट्रीय न्यायालय में अपने पक्ष में दलील दे रहा है और दूसरी तरफ वह इस बात को पूरी दुनिया में प्रचारित और प्रसारित कर रहा है कि उस पर वियना संधि लागू नहीं होती इसलिए उसे कुलभूषण जाधव को फांसी देने से कोई रोंक नहीं सकता जो पूरी तरह निराधार एवं बेबुनियाद ही नहीं बल्कि भारत की अस्मिता को चुनौती देने जैसा मामला है जिसे हम किसी भी कीमत पर वर्दाश्त नहीं कर सकते और उसका जवाब हम किसी भी स्तर पर देंगें और हमारी बार पुरे अधिवक्ता-समाज के साथ एकजुट होकर किसी भी संघर्ष को खड़ा करने में समर्थ है जिससे भारत सरकार को पाकिस्तान के विरुद्ध कठोर कदम उठाने के लिए बाध्य हो, रिटायर्ड कर्नल अशोक कुमार ने कहा कि भारत-सरकार इस मुद्दे पर सुरक्षात्मक रुख अख्तियार किये है जिससे पाकिस्तान का बडबोलापन और मनमाना रवैया नियन्त्रण के बाहर होता जा रहा है जो किसी भी रूप में स्वीकार नही किया जा सकता है, सरकार हम लोगों को यदि इजाजत दे दे तो पाकिस्तान को ठिकाने लगाना बहुत कम समय की कवायद है, हमे ईंट का जवाब पत्थर से देना चाहिए और हमारी बार इस पर नजर बनाये हुए है और यदि किसी प्रकार की अनहोनी घटना घटित होती है तो हम संघर्ष करेंगें और सरकार को मजबूर करेंगे कि वह पाकिस्तान को कभी न भूलने वाला सबक दे.
रिटायर्ड कर्नल वाई.आर.शर्मा ने कहा कि कुलभूषण का मामला हमारे लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न है इसलिए हम इसे किसी भी स्तर तक लड़ने के लिए तैयार है उसके लिए हमने पूरी तैयारी कर रखी है, सभी भूतपूर्व-सैनिकों को बार के संघर्ष के साथ जोड़कर हम दिल्ली तक इस संघर्ष को ले जायेंगे और भारत सरकार को मजबूर करेंगें की वह पाकिस्तान के विरुद्ध निर्णायक संघर्ष प्रारम्भ करे, रिटायर्ड कर्नल आर.एन.सिंह ने कहा कि हम किसी भी कीमत पर अब पाकिस्तान की मनमानी को बर्दाश्त नहीं करने वाले क्योंकि आजादी के बाद से उसकी गतिविधियों से पूरा देश तंग आ चूका है और भूतपूर्व-सैनिक तो अन्दर ही अन्दर टूटा जा रहा है, रिटायर्ड विंग कमांडर अशोक कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि भारत सरकार सुरक्षात्मक लड़ाई लड़ रही है जिसकी वजह से पाकिस्तान अपनी मनमानी करता चला जा रहा है, रिटायर्ड मेजर आर.डी. सिंह ने कहा कि देश अब और अधिक अपमान बरदास्त करने की स्थिति में नहीं है और हमारी बार को अपने स्तर पर संघर्ष प्रारम्भ कर देना चाहिए, वायु सेना युद्ध विशेषज्ञ वी.पी.पाण्डेय ने कहा कि युद्ध के बगैर शांति सम्भव ही नहीं, रिटायर्ड वायु सेना की युद्ध के जानकार शैलेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि भारत की क्षमा करने की निति का कोई अंत है कि नहीं अब तो भारत को निर्णायक संघर्ष की तैयारी करनी चाहिए क्योंकि पाकिस्तान भारत की इस नीति का फायदा उठा रहा है और हमारी बार को अब संघर्ष तेज कर देना चाहिए, डा आशीष अस्थाना ने कहा कि युद्ध ही शांति का विकल्प है, सैन्य मामलो के विशेषज्ञ के.के.एस.बिष्ट ने कहा कि पानी सिर के ऊपर जा रहा है अब हमे कुछ करना चाहिए, बार के युवा संयुक्त-मंत्री पंकज कुमार शुक्ला ने कहा कि पाकिस्तान यदि मनमानी करता है तो हमे अब अंतर्राष्ट्रीय-संधियों से किनारा करते हुए करार जवाब देना चाहिए.
ए.ऍफ़.टी. बार के जनरल सेक्रेटरी विजय कुमार पाण्डेय ने मीटिंग में उपस्थित सदस्यों को सम्बोधित किया और उपस्थित पत्रकारों को बताया कि श्री जाधव के प्रकरण को भारत सरकार गम्भीरता से ले क्योंकि सैनिको के अन्दर गुस्सा अत्यधिक है और यदि पाकिस्तान अपनी मनमानी करता है तो स्थिति सरकार के नियंन्त्रण के बाहर चली जाएगी जिसको नियंत्रित कर पाना उसके लिए मुश्किल हो जायेगा, आखिर पाकिस्तान की मनमानी को देश कब तक बर्दाश्त करे, अंतर्राष्ट्रीय-संधियों के बन्धनों का पालन हम कब तक करेंगे क्या सरकार देश के सम्मान, आस्था और अस्मिता के ऊपर इन संधियों को मानती रहेगी और देश अपमानित होता रहेगा यदि, सरकार जाधव को सुरक्षित न ला पाई तो यह उसके लिए बहुत बड़े इम्तिहान की घड़ी होगो जिसमे पास हो पाना उसके लिए मुश्किल होगा.