ऋषि वशिष्ठ सहकारी आवास समिति का कारनामा, सूची में नाम न होने पर भी करोड़ों की सम्पत्ति बेंच डाली: डी.एस.तिवारी 

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आयुक्त आवास-विकास ऋषि वशिष्ठ सहकारी आवास समिति में हुए करोंड़ों के घपले को दबाना चाहते है: सामाजिक सरोकार संघर्ष मंच

ऋषि वशिष्ठ सहकारी आवास समिति का कारनामा, सूची में नाम न होने पर भी करोड़ों की सम्पत्ति बेंच डालीडी.एस.तिवारी 

ऋषि वशिष्ठ सहकारी आवास समिति लिने भ्रष्टाचार के सभी प्रतिमानों को पीछे छोड़ते हुए नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है लेकिन उच्च अधिकारियों को जनता एवं सार्वजनिक राजस्व को पहुंचाई गई क्षति की परवाह नहीं है 2016 एवं उसके पूर्व से धांधली का आलम यह रहा कि समिति के भ्रष्ट पदाधिकारियों ने जमीन न रहते जमीन की खरीद फरोख्त दिखा, अधिक मूल्य की जमीन को कम रेट पर बेंच डाला, एक जमीन को कई बार बेंच डाला और सस्ती जमीन को मंहगें मूल्य पर खरीद लिया ऐसे बहुत से कारनामें इस समिति द्वारा किए गए l तत्कालीन विधायक माननीय शारदा प्रताप शुक्ला एवं श्री के.के.दीक्षित इत्यादि ने दिनाक 19 मई 2016 को समिति में की गई घोर अनियमितता एवं घपले से सम्बन्धित लिखित शिकायत की, जिसमे व्यावसायिक भूखंड-संख्या-12 और 12/1 के क्रय-विक्रय में भारी हेरा-फेरी करके राजस्व को कई करोड़ का आर्थिक नुकसान पहुँचाया गया था जिसमे जाँच कराने पर यह तथ्य सामने आ चुका है कि समिति की प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष ताराचंद चौरसिया, राघवेन्द्र प्रताप सिंह, देवी प्रसाद पाण्डेय, अशोक कुमार शुक्ला जय शंकर प्रसाद, श्रीमती नीलम देवी एवं श्रीमती प्रेमवती शुक्ला ने मिलकर ऐसे-ऐसे निर्णय लिए जिसे लेने का अधिकार उनको था ही नहीं और उन लोगों ने इसी बहाने व्यक्तिगत सम्पत्ति बनाने में लगे थे l

सामाजिक सरोकार संघर्ष मंच के अध्यक्ष डी.एस.तिवारी लगातार इस घपले के खिलाफ पर लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन आवास विकास आयुक्त की मनमानी और घपलेबाजों के संरक्षण के कारण जांच रिपोर्ट में लूट-खसोट को अंजाम देने वाले ताराचंद चौरसिया, राघवेन्द्र प्रताप सिंह, देवी प्रसाद पाण्डेय, अशोक कुमार शुक्ला जय शंकर प्रसाद, श्रीमती नीलम देवी एवं श्रीमती प्रेमवती शुक्ला  के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है जबकि जांच रिपोर्ट में स्पष्तः कहा गया है की हेरा-फेरी बहुत ही उच्च-स्तरीय है और लिप्त व्यक्तियों की व्यक्तिगत सम्पत्ति से इसकी रिकवरी की जाय l मंच के अध्यक्ष डी.एस.तिवारी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल अपर आयुक्त आवास विकास श्री राजेश कुमार पाण्डेय से मिला और उसने कार्यवाही किए जाने की मांग की लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई l अध्यक्ष डी.एस.तिवारी  ने मीडिया कर्मियों को बताया कि जिस भू-खंड की कीमत रु.26,400/- वर्गफुट थी उसे रु.1525/ वर्गफुट की दर से बेंचा गया सबसे बड़ी चौकाने वाली बात यह थी कि जिनके नाम पर उसे बेंचा जाना था उनका उनका विवरण ही सूची में नहीं था l

सामाजिक सरोकार संघर्ष मंच के प्रवक्ता शमशाद आलम ने कहा कि यह मामला इतना गम्भीर है कि इस पर तुरंत कार्यवाही होनी चाहिए थी और दोषियों से एक-एक पाई को वसूल किया जाना चाहिए था लेकिन आवास विकास आयुक्त खुद नहीं चाहते कि जांच हो वरना क्या कारण है कि वो कार्यवाही का आदेश नहीं दे रहे है और रिपोर्ट को दबाये बैठे है l महासचिव पंकज कुमार शुक्ला ने सड़क-संघर्ष किए जाने की चेतावनी देते हुए कहा कि हम चुप बैठने वाले नहीं है इन भ्रष्टाचारियों ने लोगों और सरकार को लूटकर करोड़ों की अघोषित-सम्पत्ति बना ली है और प्रशासन चुप है क्या यही लोकतंत्र है l  

https://www.youtube.com/watch?v=w6cdBpoBLvo&spfreload=5

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