टाण्डा अम्बेडकरनगर।पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा समाजवादी पार्टी के कार्यो को लेकर लगाया गया नारा काम बोलता है टाण्डा नगर पालिका में बिलकुल सटीक साबित हो गया हैं यहाँ पर इनकी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष व पालिकाध्यक्ष हाजी इफ़्तेख़ार द्वारा सपा सरकार में किये गए लूट घसोट का कार्य बोल नहीं बल्कि चिल्ला रहा है।नगर पालिका टाण्डा में फैली लूट घसोट का वीडियो वायरल होने के बाद से अब जनता पालिकाध्यक्ष के भ्रस्ट चेहरे को जान गई है नगर में हर तरफ पालिकाध्यक्ष के काले कारनामो की चर्चा जमकर हो रही है पालिकाध्यक्ष हाजी इफ़्तेख़ार ने किस तरह से पालिका के अधिकारियो के साथ मिलकर जनता के पैसे को अपनी जेब में भरने का काम किया है यह लोगो के सामने आ चुका है।पालिकाध्यक्ष टाण्डा हाजी इफ़्तेख़ार ने अपने पद का दुरूप्रयोग करते हुए सरकारी धन का बन्दर बाँट किया है जो टेण्डर नगर पालिका द्वारा लगभग 14लाख96 हजार रूपए का प्रकाशित कराया गया उसका भुगतान नियम कानून को ताक पर रखकर 39 लाख 86 हजार रूपए का किया गया आखिर यह 26लाख रूपए कहाँ गए यह एक प्रश्न चिन्ह है यह तो केवल एक मामला है ऐसे न जाने कितने मामले पालिकाध्यक्ष ने समाजवादी पार्टी की सत्ता के नशे में चूर होकर किया था इसके साथ ही पालिकाध्यक्ष ने नियम कानून को ताक पर रखकर नगर पालिका के एक कर्मचारी के भाई को करोड़ो रूपए का ठेका देकर सरकारी धन का बन्दर बाँट किया इसके अलावा पालिका के एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के नाम पर करोड़ो रूपए का भुगतान कर दिया यह सब तो महज कुछ छोटे मोटे मामले है जो पालिकाध्यक्ष की कार्यशैली को बयान कर रहे है ऐसे न जाने कितने मामले है जिनकी फाइल खुलना अभी बाकी है।
प्रदेश सरकार द्वारा जनता की सुविधा के लिए जनता की गाढ़ी कमाई का जो पैसा नगर पालिका टाण्डा में भेजा गया पालिकाध्यक्ष द्वारा उसका जमकर बन्दर बाँट किया गया इस बन्दर बाँट नियम कानून को ताक पर रखकर सरकारी धन की जो लूट घसोट की गई है वह हैरान करने वाली है समाजवादी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष पालिकाध्यक्ष टाण्डा हाजी इफ़्तेख़ार अंसारी ने भ्रस्टाचार का जो इतिहास नगर पालिका टाण्डा में बनाया है उसे अब किसी और पालिकाध्यक्ष को तोड़ना मुमकिन ही नहीं है सत्ता के नशे में चूर इस पालिकाध्यक्ष ने हर नियम कानून को दर किनार कर केवल भ्रस्टाचार को ही अपनी दिनचर्या बना लिया जिसका जीता जगता उदहारण नगर द्वारा सिकन्दरबाद हिन्दुस्तान टेन्ट हॉउस के गोदाम से चाक घर तक जाने वाली सड़क है जिसका टेण्डर नगर पालिका द्वारा लगभग 14 लाख 96 हजार रूपए का प्रकाशित कराया गया लेकिन कार्य होने के बाद जो भुगतान किया गया वह लगभग 39 लाख 86 हजार रूपए का है जिसमे लगभग 26 लाख रूपए का गोल माल किया गया है इसके अलावा नगर पालिका के ही एक कर्मचारी जलील अहमद के भाई शकील अहमद को नियम कानून को ताक पर रखकर नगर पालिका का ठेकेदार बनाया गया जबकी नगर पालिका एक्ट के अनुसार किसी भी कर्मचारी का भाई या रिश्तेदार पालिका में ठेकेदारी नहीं कर सकता इसके अलावा इसको करोड़ो रूपए का कार्य नियम कानून को ताक पर रखकर दिया गया जिसमे कई कार्यो का फर्जी भुगतान शामिल है जैसे सलारगढ़ कब्रिस्तान के सामने बगैर किसी टेण्डर के 54 लाख रूपए का भुगतान कर दिया गया इसके अलावा अलीगंज तिराहे से ईदगाह तक नाली और रोड बनाने का टेण्डर लगभग 38 लाख का प्रकाशित कराया गया और बाद में इसको रिवाइज कर के 58 लाख कर दिया गया जबकी चर्चा यह है की इसकी फ़ाइनल बिल में और घोटाला है इसके साथ ही नगर पालिका द्वारा जो भी सड़क बनाई गई है वह बन्ने के माह भर बाद ही उखड़ने लगी है जिसमे आर्य कन्या स्कूल के बगल से सन्तराम मौर्या के कारखाने के सामने से सिकन्दरबाद सुलभ शौचालय तक जाने वाली सड़क हो या फिर नगर पालिका की अन्य सड़के हो सभी का यही हाल है लेकिन नगर पालिका टाण्डा के पालिकाध्यक्ष को इनसब से कुछ लेना देना नहीं है उन्हें तो केवल सरकारी धन के बन्दर बाँट से मतलब है लेकिन अब पालिकाध्यक्ष की मनमानी सबके सामने आने के बाद प्रशासन ने इसकी जाँच के आदेश तो दे दिए है लेकिन अब देखना यह है की यह जाँच भी समाजवादी पार्टी के समय होने वाली जांचो की तरह है यह फिर केवल जाँच के नाम पर एक हिस्सा अधिकारियो तक पहुँचाने के लिए बनाये जाने वाला दबाव है यह देखने वाली बात होगी।