लखनऊ: (Lucknow) भले पंचायत चुनाव की विधिवत घोषणा में अभी समय हो, लेकिन गांवों में प्रधानी (Provision) व बीडीसी (BDC) चुनाव का डंका लोगों के सिर चढ़कर बोलने लगा है। गांव में पंचायत चुनाव की पूरी तैयारी हैं । प्रधानी/ बीडीसी (BDC) लड़ने के दावेदारों की तैयारियां जोरों पर हैं।
लेकिन आरक्षण (Reservation) उनके सपनों पर पानी फेरता दिख रहा है। नए सिरे से आरक्षण (reservation) के चलते प्रधानी (Provision) आदि के दावेदारों को झटका लगना तय है।
पंचायत विभाग (Panchayat Department ) के सूत्रों के अनुसार 10 जनवरी (10 January) की बैठक में आरक्षण (reservation) के नए फॉर्मूले पर मुहर (Seal )लग सकती है, लेकिन विभागीय (Departmental) सूत्रों के अनुसार इस बार ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायतों में नए सिरे से आरक्षण (Reservation) हो सकता हैं। 2015 के पंचायत चुनाव में भी सीटों का आरक्षण (Reservation) नए सिरे से हुआ था। एक बार फिर से नए सिरे से आरक्षण (Reservation) ने सभी दावेदारों के गणित को बिगाड़ दिया हैं। इसी सब के चलते फिलहाल सबकी नजर, पंचायत चुनाव (Panchayat Election) में लागू होने जा रहे आरक्षण (Reservation) पर लगी है।
वहीं परिसीमन (Limitation ) व वोटर लिस्ट (Voter list) का काम चल रहा है जिससे देहात (countryside) का माहौल धीरे-धीरे चुनावी होता जा रहा हैं।
यह फॉर्मूला ( formula) हो सकता हैं-
जानकारों के अनुसार, हर ब्लॉक( Block) में अनुसूचित जाति, ( scheduled caste) अनुसूचित जनजाति, (scheduled tribe) पिछड़े,(Backward) और सामान्य वर्ग (general class) की आबादी अंकित करते हुए ग्राम पंचायतों की सूची वर्णमाला के क्रम में बनाई जाएगी।
सूची में एससी-एसटी और पिछड़े वर्ग के लिए प्रधानों के आरक्षित पदों (Reserve Category) की संख्या उस ब्लॉक (Block) पर अलग-अलग पंचायतों में उस वर्ग की आबादी के अनुपात में घटते क्रम में होगी। यानी साफ है कि 2015 में जो पंचायत जिस वर्ग के लिए आरक्षित थी।
उन्हें इस बार उस वर्ग के लिए आरक्षित (Reserve) नहीं किया जाएगा।
अगर 2015 में पंचायत (Panchayat) का प्रधान पद एससी-एसटी (SC-ST) के लिए आरक्षित (Reserve) था तो इस बार उसे दूसरे वर्ग के लिए आरक्षित किया जाएगा।ड़ेगा।