धान की पराली एवं गन्ने की पत्ती को बनये खाद

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अवधनामा संवाददाता

आजमगढ़। कृषि विभाग द्वारा जनपद-आजमगढ़ में धान की पराली एवं गन्ने की पत्ती को जलाये जाने से रोकने एवं इसका समुचित प्रबन्धन करते हुए। इससे कम्पोस्ट खाद तैयार कर अगली फसल में प्रयोग किये जाने हेतु कृषकों को विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया जा रहा है। इसी क्रम में आज मुख्य विकास अधिकारी श्री आनन्द कुमार शुक्ला द्वारा कृषकों को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रचार-प्रसार हेतु प्रचार वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर विभिन्न विकास खण्डों के लिये रवाना किया गया।
मुख्य विकास अधिकारी द्वारा जनपद के सम्मानित कृषक बन्धुओं से अपील की गयी कि कम्बाईन हार्वेस्टर से कटाई के समय एस0एम0एस0, मल्चर आदि यंत्रों का अनिवार्य रूप से प्रयोग करें। उन्होने यह भी बताया कि खेत में फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण की क्षति के साथ-साथ मृदा की संचरना को भी नुकसान पहुँचता है और खेत के मित्र कीट मर जाते हैं, जिससे फसल की उत्पादकता एवं मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचता है।
इस अवसर पर श्री मुकेश कुमार उप कृषि निदेशक, आजमगढ़ द्वारा कृषकों से अपील की गयी कि वेस्ट डीकम्पोजर का प्रयोग कर फसल अवशेष को कम्पोस्ट खाद के रूप में परिवर्तित कर अपने खेतों मे प्रयोग करें और फसल अवशेष जलाने पर लगने वाले अर्थदण्ड से बचें।
इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी श्री संजय कुमार सिंह उपस्थित रहे।

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