एमआईटी सभागार में अध्यात्म ज्ञान एवं चिन्तन संस्था की 170 वीं मासिक ब्रह्मज्ञान विचार गोष्ठी
अध्यात्म ज्ञान एवं चिन्तन संस्था मुरादाबाद की 170 वीं मासिक ब्रह्मज्ञान विचार गोष्ठी का आयोजन सोमवार को एमआईटी सभागार में किया गया, जिसका विषय था ‘मन्त्र का मानव पर प्रभाव’। इस विषय पर डा. चिन्मय पण्ड्या शान्तिकुंज हरिद्वार द्वारा यू-ट्यूब चैनल पर दिए गए व्याख्यान का प्रस्तुतिकरण किया गया। डा. चिन्मय पण्ड्या का परिचय देवेश भारद्वाज द्वारा दिया गया।
डा. चिन्मय पण्ड्या द्वारा मंत्र शक्ति के विभिन्न पक्षों की विवेचना करते हुए यह बताया गया कि मन्त्रोच्चारण का मानव जीवन पर अत्यन्त गहरा प्रभाव पड़ता हैं। मंत्रों के उच्चारण से जो ध्वनि निकलती है उसका प्रभाव मानव के मन, मस्तिष्क व शरीर पर पड़ता है। मंत्रों के सही प्रकार उच्चारण से व्यक्ति का मन शांति को प्राप्त करता हैं तथा मस्तिष्क विकसित होता हैं तथा शरीर के विभिन्न अंग सम्पुष्ट होते हैं। मंत्र पाठ से व्यक्ति के संस्कार भी शुद्ध होते हैं। मन्त्रों के माध्यम से मानव का आध्यात्मिक उत्थान होता है। मंत्रों के माध्यम से विक्षिप्त व्यक्ति तथा अपराधी व्यक्ति भी शांति एवं सद्बुद्धि को प्राप्त कर सकता है।
डा. चिन्मय ने आगे बताया कि बहुत से व्यक्ति अज्ञानता वश मंत्रों का सही प्रकार उच्चारण नहीं करते हैं ऐसी दशा में उनको पूर्ण लाभ नहीं मिल पाता हैं परंतु फिर भी कुछ लाभ तो प्राप्त होता ही हैं। मंत्र पाठ के लिए यह आवश्यक है कि गुरु से इस बारे में शिक्षा ली जा सके। शांतिकुंज हरिद्वार में इस सम्बंध में पूर्ण व्यवस्था है तथा वहां जाकर व्यक्ति मन्त्र विज्ञान को सही प्रकार समझ सकते हैं तथा पूर्ण लाभ उठा सकते हैं।
इस विचार गोष्ठी में देवेश रविन्द्र राजीव नाथ कत्याल, कर्नल हर्ष, नीरज भूषण गुप्ता, सत्य प्रकाश गुप्ता, शिव किशोर शर्मा, प्रभा शर्मा, अनिल सिक्का, शैल गोयल, अनिल सिंह नीरज कुमार आदि उपस्थित रहे।